Rajasthan Elections: कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सुलह के बाद गुर्जर समाज को साधने की तैयारी, ये होगी रणनीति
Rajasthan Elections 2023: 2021 में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की खींचतान को लेकर कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग कर दी थी. तभी से जिला अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था
![Rajasthan Elections: कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सुलह के बाद गुर्जर समाज को साधने की तैयारी, ये होगी रणनीति Rajasthan Elections 2023 Ashok Gehlot Sachin Pilot Reconcile Congress Focus on Gurjar Vote Bank ANN Rajasthan Elections: कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सुलह के बाद गुर्जर समाज को साधने की तैयारी, ये होगी रणनीति](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/16/0c678538b11cb5488ace2952320c81981689482474874584_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों पार्टी कांग्रेस और बीजेपी मैदान में कूद चुकी हैं. सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री नहीं बनने से गुर्जर समाज में कांग्रेस (Congress) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के प्रति नाराजगी को देखते हुए संगठन में नियुक्ति देकर गुर्जर समाज को साधने की कोशिश की गई है.
भरतपुर जिले में दोनों ही पार्टियों ने जिलाध्यक्ष बयाना कस्बे के बनाए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने भरतपुर जिलाध्यक्ष ऋषि बंसल को अध्यक्ष बनाया है. ऋषि बंसल की पत्नी ऋतु बनावत साल 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ निर्दलीय रुपबास-बयाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. लेकिन वर्ष 2018 के चुनाव में ऋतु बनावत को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था. हालांकि, ऋतू बनावत चुनाव हार गई थीं. रूपबास-बयाना सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अमर सिंह की जीत हुई थी. अब भारतीय जनता पार्टी ने अब ऋषि बंसल को भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाया है.
कांग्रेस ने की गुर्जर समाज को साधने की कोशिश
कांग्रेस ने भरतपुर जिले का जिलाध्यक्ष गुर्जर समाज के दिनेश सूपा को बनाया है. वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की खींचतान को लेकर कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग कर दी थी. तभी से जिला अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था अब सचिन पायलट के मुख्यमंत्री नहीं बनने पर गुर्जर समाज की नाराजगी को देखते हुए जिलाध्यक्ष गुर्जर को बनाया है.
रूपबास-बयाना विधानसभा क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य
भरतपुर जिले की रूपबास-बयाना विधानसभा क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव से लेकर भारतीय जनता पार्टी ने हैट्रिक लगते हुए वर्ष 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की थी और जीत की हैट्रिक लगाई थी. लेकिन वर्ष 2018 के चुनाव में सचिन पायलट का प्रभाव देखा गया था और कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस पार्टी ने गुर्जर मतदाता की नाराजगी को देखते हुये भरतपुर जिले का जिला अध्यक्ष गुर्जर समाज के व्यक्ति को ही बनाया है.
रूपबास-बयाना के साथ जिले की और भी कई सीटों पर गुर्जर मतदाता चुनाव का परिणाम बदल सकते हैं भरतपुर की नगर विधानसभा सीट पर भी गुर्जर मतदाता का दबदबा रहता है. नगर विधानसभा क्षेत्र में भी काफी संख्या में गुर्जर मतदाता हैं. अब देखने वाली बात यह होगी की सचिन पायलट को लेकर नाराज गुर्जर समुदाय के वोटर को कांग्रेस अपनी और मोड़ पाती है या नहीं.
हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने भरतपुर जिले का जिलाध्यक्ष दिनेश सूपा को बनाया है. दिनेश सूपा भी गुर्जर समुदाय से आते हैं. अब देखने वाली बात यही है कि जिस तरह सचिन पायलट ने वर्ष 2018 के चुनाव में भरतपुर जिले से बीजेपी का सूपड़ा साफ कराया था एक भी सीट भाजपा भरतपुर जिले में नहीं जीत पाई थी क्या जिलाध्यक्ष कुछ महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में 2018 की तरह जीत दिला पाएंगे.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)