Rajasthan News: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बीजेपी (BJP) में वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की कथित उपेक्षा को लेकर गुरुवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को उनके कारण सजा नहीं मिलनी चाहिए. यहां कांग्रेस मुख्यालय में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि अगर वसुंधरा को उनकी वजह से सजा मिलती है तो यह बीजेपी की नेता के साथ अन्याय होगा.
गहलोत से सवाल किया गया कि बीजेपी में वसुंधरा की उपेक्षा पर उनका क्या कहना है तो उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है. मैं यह कहना चाहूंगा कि मेरे कारण उनको सजा नहीं मिलनी चाहिए. यह उनके साथ अन्याय होगा.’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने 1990 के दशक की राजनीतिक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि तत्कालीन सीएम भैरो सिंह शेखावत उपचार के लिए अमेरिका गए थे और उस वक्त बीजेपी के लोग ही उनकी सरकार गिराना चाहते थे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने इसका विरोध किया था.
कैलाश मेघवाल पर यह बोले सीएम गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि कभी बीजेपी के दिग्गज नेता रहे कैलाश मेघवाल को यह बात पता थी और 2020 में जब उनकी सरकार पर संकट आया तो उन्होंने कह दिया कि सरकार गिराने की परंपरा राजस्थान में नहीं रही है. गहलोत ने कहा कि वसुंधरा के समर्थक विधायकों ने बताया था कि पूर्व सीएम की भावना भी मेघवाल जैसी ही है. उनका कहना था, ‘‘मैं गलती से बोल गया कि मेघवाल और वसुंधरा जी की राय एक थी.’’
वसुंधरा राजे ने जब गहलोत के लिए कहा था- मुंह में राम बगल में....
गहलोत ने इस साल मई में राजस्थान के धौलपुर में एक कार्यक्रम में दावा किया था कि वह 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत से बच गए क्योंकि बीजेपी नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने धन बल के माध्यम से एक चुनी हुई सरकार को गिराने के षडयंत्र का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. इसके जवाब में राजे ने नागौर में कहा था, ‘‘2003 से लेकर अब तक अशोक गहलोत को कभी बहुमत नहीं मिला. इसलिए वे मुझे अपना सबसे बड़ा शत्रु और उनकी राह में कांटा मानते हैं. इसलिए उनकी तारीफ में मेरे लिए सद्भावना नहीं, दुर्भावना है; जैसे मुंह में राम, बगल में छुरी.’’
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