Rajasthan Assembly Election 2023: भारतीय जनता पार्टी (bjp) और कांग्रेस (congress) ने राजस्थान में एक दांव ऐसा चल दिया है कि आरएलपी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल की चाल बदल गई है. दरअसल, हनुमान बेनीवाल ने नागौर, चूरू, जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, भीलवाड़ा और बीकानेर में अपने प्रत्याशियों को उतारना चाह रहे थे लेकिन उनकी प्लानिंग को नुकसान हो गया है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के एक दांव ने पानी फेर फिया है. 


दरअसल, नागौर में हनुमान बेनीवाल भारतीय जनता पार्टी का विरोध करते हुए मजबूत स्थिति में देखे जा रहे थे, मगर जैसे ही ज्योति मिर्धा की एंट्री कांग्रेस से बीजेपी में हुई, तब से हनुमान बेनीवाल की चाल बदल गई. दूसरी तरफ दिव्या मदेरणा, हरीश चौधरी को टिकट देकर कांग्रेस ने यह साफ कर दिया कि हनुमान बेनीवाल के साथ कोई गठबंधन नहीं होने वाला है. क्योंकि कुछ दिन पहले तक हनुमान बेनीवाल को यह लग रहा था कि उनका गठबंधन कांग्रेस पार्टी से कई सीटों पर हो सकता है. इसलिए हनुमान बेनीवाल ने कोई भी मेहनत में कमी नहीं छोड़ी. लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के इस दांव के बाद हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं तो बेनीवाल ने चंद्रशेखर आजाद से गठबंधन बना लिया.


ज्योति का विरोध पड़ा कमजोर
ज्योति मिर्धा का हनुमान बेनीवाल ने लगातार विरोध किया और इसके चलते ज्योति का पूरा परिवार उनके साथ खड़ा हो गया. यहां तक की कांग्रेस के नेता उनके चाचा ऋक्षपाल मिर्धा भी ज्योति के साथ आ गए. इसके बाद नागौर ही नहीं बल्की चूरू, झुन्झनूं और भीलवाड़ा में भी इसका असर दिखाई देने लगा है. इसकी वजह से हनुमान बेनीवाल की चाल में कमी आई. हनुमान को उनके घर में ही लोग घेरने लगे. जैसे ही ज्योति की एंट्री बीजेपी में हुई जाट बेल्ट में समीकरण बदल गए. अब बेनीवाल चंद्रशेखर आजाद के साथ जाने पर मजबूर हो गए हैं. क्योंकि, बड़े दलों ने अपनी तरफ से कोई हरी झंडी उन्हें नहीं दिखाई है.


कांग्रेस ने भी नहीं किया गठबंधन
दिव्या मदेरणा, हरीश चौधरी ये दो कांग्रेस के ऐसे विधायक हैं जो लगातार हनुमान बेनीवाल के खिलाफ डटे रहे. इतना ही नहीं हनुमान बेनीवाल हरीश चौधरी में आमना- सामना भी हो गया है. हनुमान बेनीवाल ने हरीश चौधरी के बायतु से लड़ने की चेतावनी तक दे डाली. जब हनुमान बेनीवाल की चेतावनी के बाद बायतु में हरीश चौधरी और ओसियां की विधायक दिव्या मदेरणा भी खुलकर के सामने आ गए. हनुमान बेनीवाल को यह लग रहा था कि उनका गठबंधन कांग्रेस से होगा और दिव्या मदेरणा हरीश चौधरी को टिकट नहीं मिलेगा. वहीं हरीश चौधरी और दिव्या मदेरणा को पार्टी दरकिनार करेगी या हनुमान बेनीवाल से दोस्ती नहीं करेगी यह सवाल चल रहा था. मगर, तस्वीर साफ हो गई है और हनुमान बेनीवाल के लिए गठबंधन की राह आसान नहीं है. बेनीवाल ने चंद्रशेखर को साथ में ले लिया है, जिससे दलितों को अपने पक्ष में किया जा सके.


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