Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 25 नवंबर को होने जा रहे हैं, लेकिन इससे पहले बड़े फेरबदल और चौंकाने वाले घटनाक्रम सामने आ रहे हैं. टिकट नहीं मिलने से कई बागी मैदान में उतर रहे हैं तो वहीं कई ने निर्दलीय ताल ठोक दी है. इसमें 9 नवंबर के बाद स्थिति साफ होगी कि कितने मैदान में हैं. वहीं राजनीतिक घटनाक्रम की बात की बात करें, तो मंगलवार शाम को मेवाड़ (Mewar) में बीजेपी (BJP) के लिए बड़ी मुसीबत सामने आई. यहां दो बार से लगातार पार्टी के विधायक सहित 35 पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है. प्रेस कांफ्रेंस कर सभी ने जिलाध्यक्ष मिठ्ठू लाल जाट को प्राथमिकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
मेवाड़ की जिस विधानसभा सीट की बात कर रहे हैं वह चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट है. यह वही सीट हैं जहां कई दिनों से बीजेपी में घमासान चल रहा है. इन लोगों ने इससे पहले भी इस्तीफा दे दिया था, लेकिन पार्टी ने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद अब प्राथमिकी सदस्यता से इस्तीफा दिया है. इनमें विधायक, पूर्व यूआईटी चेयरमैन, नगर पालिका पूर्व सभापति, पूर्व प्रधान, मंडलों के अध्यक्ष, जिला मंत्री, महामंत्री, कोषाध्यक्ष सहित अन्य पार्टी के मुख्य पदों पर बैठे नेता शामिल हैं. सभी पार्टी के निर्णय से नाराज चल रहे थे इसलिए यह फैसला लिया गया.
पार्टी के इस निर्णय से नाराज हैं नेता
दरअसल, चित्तौड़गढ़ में बीजेपी में चल रही कलह के पीछे पिछले महीने पार्टी द्वारा जारी हुई प्रत्याशियों की सूची है. इस सूची में चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट नरपत सिंह राजवी को यहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया. इस सूची के बाद विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बगावत कर दी. लोगों के साथ बैठकें आयोजित की गईं. इसके बाद निर्दलीय नामांकन दाखिल किया गया. अब पार्टी की प्राथमिकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. आक्या ने यह भी कहा कि अभी किसी प्रकार की नई पार्टी की घोषणा नहीं है, निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं.