Rajasthan Elections: राजस्थान में BJP इन सीटों पर उतार सकती है मुस्लिम प्रत्याशी, बनाई गई बड़ी रणनीति
Rajasthan Election 2023 : राजस्थान में साल 2013 के चुनाव में बीजेपी ने चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे. तब प्रदेश में 163 सीटें मिली थीं. इस बार उसी को दोहराने की तैयारी की जा रही है.
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में इस बार बीजेपी कई सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव से सीख लेते हुए बीजेपी इस बार बदलाव की बात कर रही है. भैरों सिंह शेखावत की सरकार में बीकानेर से विधायक महबूब अली मंत्री भी रहे. उस चुनाव में बीजेपी की बीकानेर में हार हो गई थी. इसी तरह से वसुंधरा राजे की सरकार में यूनुस खान कैबिनेट मंत्री रहे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था.
इस बार बीजेपी पर टिकट देने का जोर इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि दिल्ली केंद्रीय नेतृत्व से भी लगभग-लगभग हरी झंडी मिल चुकी है. ऐसे में झुंझनू, जयपुर, धौलपुर और सीकर जिले में बीजेपी के मुस्लिम प्रत्याशी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. अब बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी के अंतिम निर्णय का इंतजार किया जा रहा है.
कुछ ऐसा रहा है दो विधानसभा चुनाव का हाल
साल 2013 में बीजेपी ने चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा था. इनमें दो को जीत मिली और दो हार गए थे, जिसमें नागौर विधानसभा सीट से हबीबुर रहमान और डीडवाना से यूनुस खान चुनाव जीते थे. मंडावा से सलीम तंवर को तीसरा स्थान और धौलपुर विधान सभा सीट से अब्दुल सगीर खान को भी तीसरा स्थान मिला था. वहीं, वर्ष 2018 में टोंक से यूनुस खान को भाजपा ने मैदान में उतारा था, मगर उन्हें हार मिली थी.
इन सीटों पर है तैयारी
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष हमीद खान मेवाती की मानें तो कई सीटों पर तैयारी चल रही है. जैसे जयपुर जिले की हवामहल, भरतपुर की कामां, झुंझुनू की मंडावा, सीकर की फतेहपुर और डीडवाना के लिए पूरी कोशिश है. इन सीटों पर खासकर डीडवाना और मंडावा पर बीजेपी ने पहले भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.
एक पर जीत मिली थी और दूसरी पर हार हुई थी. हवामहल सीट पर इस बार बड़ा बदलाव हो सकता है. जानकारों का कहना है कि इससे पूरे प्रदेश में मुस्लिम वोटर्स को संकेत देने की तैयारी है.
बीजेपी के व्यवहार में बदलाव
राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शर्मा का मानना है कि इधर बीच भाजपा मुस्लिम को लेकर अपने व्यवहार में बदलाव कर रही है. यहां पर कई सीटों पर टिकट दिया जा सकता है. पहले भी मुस्लिम को बीजेपी ने मौका दिया है. कई तो कद्दावर मंत्री भी रहे हैं.