Sawai Madhopur News: राजस्थान (Rajasthan) के सवाई माधोपुर (Sawai Madhpur) जिले में चार विधानसभा सीट है. गंगापुर (Gangapur) भी सवाई माधोपुर जिले में आता है लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गंगापुर को नया जिला बनाने की घोषणा कर दी है. गंगापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने बीजेपी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के साथ निर्दलीय प्रत्याशी को भी जिताकर विधानसभा में भेजा है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस पार्टी का बोलबाला था तब भी गंगापुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस पार्टी और बीजेपी से किनारा करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी रामकेश (Ramkesh) को जिताया और विधायक बनाकर विधानसभा में भेजा.


गंगापुर विधानसभा सीट पर वर्ष 1972 से लेकर वर्ष 2018 तक 11 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं. कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी 4 बार जीतकर विधानसभा पहुंचे तो बीजेपी के प्रत्याशी 2 बार जीतकर विधानसभा पहुंचे. बसपा और जनता पार्टी के प्रत्याशी 1-1 बार जीतकर विधानभा पहुंचे. 3 बार निर्दलीय प्रत्याशियों के सिर पर जीत का सेहरा बंधा. 


निर्दलीय रामकेश ने बीजेपी के मान सिंह को हराया था
इस सीट पर बीते दो चुनाव की बात करें तो 2013 में  बीजेपी के मान सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी रामकेश को हराकर जीत दर्ज की थी. मान सिंह को कुल 54 हजार 228 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी रामकेश को 25 हजार 853 वोट मिले थे. वर्ष 2018 में रमाकेश ने निर्दलीय चुनाव  लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें जीत मिली थी. निर्दलीय प्रत्याशी रामकेश ने बीजेपी के मान सिंह गुर्जर को हराया था. निर्दलीय रामकेश को कुल 58 हजार 744 वोट मिले थे तो दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी मानसिंह गुर्जर को कुल 48 हजार 678 वोट मिले थे.


पूर्वी राजस्थान की सीटों पर सेंध लगाने में जुटी बीजेपी
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गंगापुर सिटी को नया जिला बना दिया है. माना जा रहा है कि गंगापुर सिटी को नया जिला बनाने का फायदा कांग्रेस को मिलेगा. दोनों ही पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी का पूर्वी राजस्थान पर फोकस है. दोनों ही पार्टियां पूर्वी राजस्थान को फतह करने की कोशिश कर रही हैं. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया था. अब कांग्रेस पार्टी वर्ष 2018 की जीत को 2023 में भी दोहराना चाहती है तो वहीं बीजेपी वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्वी राजस्थान के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है.


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