Rajasthan Election 2023: डीग की तीन विधानसभा सीटों पर सियासी दलों की हुंकार, जानें क्या है समीकरण?
Rajasthan Politics: राजस्थान की डीग जिले में तीन विधानसभा सीटें हैं. डीग को प्रदेश कांग्रेस सरकार ने हालिया साल में नया जिला बनाया है. जिसका वह इस विधानसभा चुनाव सियासी फाएदा उठाने की कोशिश कर रही है.
Rajasthan Assembly Election 2023 News: राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ रही है. प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीट पर एक चरण 25 नवंबर को मतदान होगा. प्रचार के लिए सभी सियासी दलों के दिग्गज नेता रैली, चुनावी जनसभा और रोड शो के जरिये मतदाओं से संपर्क साध रहे हैं. डीग के जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर सियासी हलचल बढ़ गई है. डीग जिले में डीग कुम्हेर विधानसभा, नगर विधानसभा और कामां विधानसभा आते हैं. डीग जिले की दो सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी में सीधा मुकाबला है, जबकि एक सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है.
कामां विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जाहिदा खान को टिकट देकर मैदान में उतारा है और भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा के नूहं मेवात की नौक्षम चौधरी को उनके मुकाबले मैदान में उतारा है. इस सीट पर बीजेपी-कांग्रेस में सीधी टक्कर देखने को मिल रही है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जाहिदा खान चुनाव जीतने में कामयाब रही थीं. इस दौरान बीजेपी ने जाहिदा खान के मुकाबले जवाहर सिंह बेढ़म को टिकट दिया था. हालांकि जाहिदा खान ने जवाहर सिंह बेढ़म को 40 हजार से अधिक वोटों से हराया था. बीजेपी प्रत्याशी नौक्षम चौधरी हरियाणा के नूहं मेवात की रहने वाली हैं, यही वजह है कि शुरुआती दौर में उनके खिलाफ विरोध देखने को मिला था.
नगर सीट से मुकाबला हुआ त्रिकोणीय
डीग जिले की नगर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति पैदा हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने जवाहर सिंह बेढ़म को टिकट दिया है, तो कांग्रेस ने वाजिब अली को अपना प्रत्याशी बनाया है. साल 2018 के चुनाव में वाजिब अली बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़कर जीते थे और जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इस बार वाजिब अली कांग्रेस से नगर विधानसभा से प्रत्याशी हैं. इसी तरह बीजेपी ने कामां विधानसभा सीट से पिछली बार चुनाव हारने वाले जवाहर सिंह बेढ़म को टिकट दिया है. साल 2018 चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ने वाले नेम सिंह फौजदार दूसरे स्थान पर रहे थे, उन्हें इस बार आजाद समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. नेम सिंह फौजदार बीजेपी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन बीजेपी ने जवाहर सिंह बेढ़म को टिकट दे दिया. पिछले चुनाव में यहां पर बीजेपी तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी.
डीग-कुम्हेर में मुकाबला हुआ रोचक
डीग-कुम्हेर विधानसभा सीट पर साल 2018 के चुनाव की तरह इस बार भी विश्वेन्द्र सिंह को डॉ. शैलेष सिंह के बीच कड़ा मुकाबला है. पिछले चुनाव में दोनों में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी, जिसमें विश्वेन्द्र सिंह ने डॉ. शैलेष सिंह को लगभग 8 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. इस बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. शैलेष सिंह को टिकट दिया है. कांग्रेस ने मंत्री विश्वेन्द्र सिंह पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है. डॉ. शैलेश सिंह के पिता डॉ. दिगंबर सिंह बीजेपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे. विश्वेन्द्र सिंह ने साल 2013 के चुनाव में डॉ. दिगंबर सिंह को हराया था और साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दिगंबर सिंह के बेटे डॉ. शैलेष सिंह को हराया था. विश्वेन्द्र सिंह को गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. विश्वेन्द्र सिंह तीन बार सांसद रहे है और तीन बार विधायक रहे हैं.
नए जिला बनाने पर किसे होगा फाएदा?
डीग को नया जिला बनाने का फाएदा कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ विश्वेन्द्र सिंह को भी मिलेगा. डीग के लोग लंबे समय से इसको जिला बनाने की मांग कर रहे थे. माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने विश्वेंद्र सिंह के कहने पर ही डीग को नया जिला बनाया था. विश्वेन्द्र सिंह पूर्व राजपरिवार के सदस्य हैं और 36 कौमों में उनकी अलग ही इमेज है. विश्वेन्द्र सिंह को पूर्वी राजस्थान का कद्दावर नेता माना जाता है. इस चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए सभ सियासी दलों में कशमकश जारी है, चुनाव से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और दावे भी किए जा रहे हैं. सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि नेता मतदाताओं को कितना रिझा पाते हैं. फिलहाल चुनाव के बाद 3 दिसंबर को ये स्पष्ट हो जाएगा.