दिल्ली की एक अदालत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मानहानि शिकायत पर 20 नवंबर को दलीलें सुनेगी. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई तब स्थगित कर दी, जब अदालत को सूचित किया गया कि शिकायतकर्ता के वकील विकास पाहवा उपस्थित नहीं हैं.


न्यायमूर्ति जसपाल ने कहा, 'बताया गया है कि वरिष्ठ वकील पाहवा एक अलग मामले में व्यस्त हैं, इसलिए सुनवाई दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित करने का अनुरोध किया गया है. (गहलोत की ओर से पेश) वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने यह कहते हुए इस बात पर आपत्ति जताई है कि उस समय वह भी कहीं और व्यस्त हैं.'


उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों को कोई अन्य समय मंजूर नहीं है. गतिरोध को देखते हुए मामले की सुनवाई को 20-21 नवंबर 2023 तक के लिए स्थगित किया जाता है... तारीख और समय दोनों पक्षों की सुविधा के अनुसार दिया गया है.'


गहलोत जहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए, वहीं शेखावत के वकील ने उनके लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया.न्यायमूर्ति जसपाल ने कहा, 'शिकायतकर्ता के लिए मौखिक छूट मांगी गई है, जिसे केवल आज के लिए अनुमति दी गई है.' शेखावत को कथित संजीवनी घोटाले से जोड़ने वाली गहलोत की टिप्पणी के खिलाफ केंद्रीय मंत्री की शिकायत के बाद अदालत ने कांग्रेस नेता को सात अगस्त को तलब किया था.


यह 'घोटाला' संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा अत्यधिक आकर्षक रिटर्न के वादे के जरिये हजारों निवेशकों से कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये की ठगी से संबंधित है.


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