सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ''पायलट को देखो, जवानों की बात करते थे, हवा निकल गई. आज मैं उनका भाषण सुन रहा था, कह रहे थे डेढ़ दो बीघा जमीन बेचकर स्कोर्पियों ले लेते हैं. अरे पायलट साहब आपका तो कोई वजूद ही नहीं है, पिता की वजह से आपको जानते हैं. बताओ कौन सी लड़ाई लड़ी. गुर्जर आंदोलन केसमय बैसला लड़ाई लड़ रहे थे, मैं भी था. किसी ने बोला आप पीछे रह जाओगे तो आ गए लड़ाई में. जेल जाने पर सोचा अलग बिस्तर मिलेगी, लेकिन वहीं सुलाया और दाल फेंक कर खिलाई. फिर उन्होंने कहा मैं यहां नहीं रहूंगा.''
सुबह लड़ते हैं रात साथ खाना खाते हैं पायलट- बेनीवाल
बेनीवाल ने आगे कहा, ''फिर वसुंधार सीएम थीं, उनको कॉल किया, कहा आंटी मुझे यहां से निकालो, फिर निकलकर दिल्ली भिजवाया. वह बोल रहे हैं नई नई पार्टियां आ रही हैं. अरे पार्टियां तो पुरानी हैं. आप गए थे 19 को साथ लेकर दिल्ली, वापस आ गए. जिस गहलोत को बुरा कहा, उसी के साथ हेलीकॉप्टर में बैठे. शर्म आनी चाहिए. हम वो लोग है, वसुंधरा राजे से झगड़ा हुआ, 15 साल हो गए सामने नहीं देखा. यह होती है लड़ाई. आप तो सुबह बयानबाजी करते हैं और रात को साथ खाना खाते हो.''
वहीं, छात्र संघ चुनाव पर बेनीवाल ने कहा कि छात्र राजनीति से आगे बढ़ने वाले युवाओं से बीजेपी और कांग्रेस दोनों को पीड़ा है. मुख्यमंत्री ने अपने करीबी मंत्री महेश जोशी के माध्यम से छात्र चुनाव नहीं कराने के लिए सहमत किया. मगर वह भूल गए कि आरएलपी थर्ड फ्रंट की भूमिका में मजबूती से लड़ाई लड़ रही है. उन्होंने आगे कहा कि जब हमारी सरकार बनेगी, लिंगदोह कमेटी को सिफारिशों को भंग कर दिया जाएगा.