Jhotwara Vidhan Sabha Seat: झोटवाड़ा विधान सभा सीट राजस्थान की बहुत चर्चित विधान सभा सीट है. क्योंकि, पिछली बार वर्ष 2018 में यहां की हार और जीत चर्चा में रही. जीतने वाले को सबसे अधिक मत और हारने वाला भी हारने में सबसे अधिक मत पाया. दोनों दलों कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों ने एक बड़ा  रिकॉर्ड बनाया. भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत (Rajpal Singh Shekhawat) को हार मिली मगर उन्हें 116438 वोट मिले, जो उस चुनाव में इतना वोट पाकर हारने वाले शेखावत अकेले प्रत्याशी थे.


वहीं कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले लालचंद कटारिया (Lal Chand Kataria) को 127185 वोट मिले थे, जो उस चुनाव में सबसे अधिक था. इसलिए इन दोनों की हार और जीत रिकॉर्ड बना गई. भाजपा अगर यहां पर चुनाव जीत जाती तो यह उसके लिए हैट्रिक हो जाती है. मगर ऐसा न हो सका. क्योंकि, चुनाव में विधायक से लोग बेहद खफा था और हरा दिए. क्योंकि, यहां पर पानी और स्वास्थ्य का बड़ा मुद्दा है. मगर इस मसले का कोई हल नहीं हो सका. यहां पर एक बड़ा चिकित्सालय बनना था मगर उसपर काम नहीं हो पाया. इसलिए यहां पर दोनों दल प्रत्याशी बदल सकते हैं. 


आंकड़ों में झोटवाड़ा विधान सभा सीट 


झोटवाड़ा विधान सभा सीट पर कुल 3,56,039 मतदाता हैं. जिनमें से 1,86,731 लाख पुरुष और 1,69,308 महिला वोटर्स है. वर्ष 2018 में इस सीट पर रिकॉर्ड मतदान 71.65 हुआ था. वर्ष 2013 में 74.61 और 2008 में  61.7 मतदान हुआ था. वर्ष 2013 में भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत को 19,602 मतों से जीत मिली थी. वर्ष 2008 में राजपाल को 2,455 मतों से जीत मिली, मगर इसके बाद से इस सीट पर हार और जीत के मतों में बड़ा अंतर आ गया. यह सीट जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट में आती है. 


कुछ ऐसा रहा 15 सालों का हिसाब


वर्ष 2008 में इस विधान सभा सीट पर भाजपा को जीत मिली थी. राजपाल सिंह शेखावत जीत गए थे. उस दौरान कांग्रेस के लाल चंद कटारिया 66,396 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. मगर उन्हें 2 हजार मतों से हार मिल गई थी. वर्ष 2013 में इस सीट पर भाजपा को जीत मिली थी. कांग्रेस की रेखा कटारिया को 20 हजार से अधिक मतों से हार मिली थी. वहीँ वर्ष 2018 में कांग्रेस के लाल चंद कटारिया ने 11 हजार मतों से भाजपा के राजपाल सिंह शेखावत को हरा दिया था. 


इस बार का मुद्दा 


इस सीट पर इस बार भी पानी का बड़ा मुद्दा है. यहां पर गर्मी और सामान्य दिनों में पानी का टैंकर 500 से अधिक रूपये में बिक रहा है. जेडीए से अनुमति के बाद बनी कालोनियों में पानी की समस्या बनी हुई है. यहां पर इस बार भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इस बार भी यहां पर घर-घर पानी न आने से परेशान और गुस्से में हैं. जबकि, यहां के विधायक कैबिनेट मंत्री हैं. यहां के स्थानीय लोगों की माने तो पानी और चिकित्सा की व्यवस्था बेहत नहीं हो पाई है. 


जातिगत समीकरण और राजनीति 


झोटवाड़ा विधान सभा सीट में जातिगत आकंड़ें कुछ ऐसे हैं कि भाजपा के लिए आसान सीट हो जाती है. इस विधानसभा सीट पर यादव, ब्राह्मण तथा एसटी, एससी समुदाय का मतदाता निर्णायक भूमिका में रहता है. मगर, इस सीट पर राजपूत और जाट अधिक संख्या में है. इसलिए यहां पर भाजपा को हमेशा बड़ा वोट मिलता रहता है. मगर, यहां के प्रत्याशी से नाराजगी थी और उसे हरा दिया था. इस बार यहाँ पर दोनों दल अपने चेहरे बदल सकते हैं. क्योंकि, नाराजगी दोनों तरफ है. यहां की सियासत में माहौल गर्म है. 


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