Rajasthan : राजस्थान की 200 सीटों में से 75 सीटों से समाज के उम्मीदवार की मांग, 8 अक्टूबर को महापड़ाव
Rajasthan Elections 2023: क्षत्रिय करणी सेना की तरफ से 8 अक्टूबर को जयपुर राजधानी में क्षत्रियों का महापड़ाव होगा. विधानसभा चुनाव में राजस्थान की 200 में से 75 सीट क्षत्रिय को देने की मांग की गई है.
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. अलग-अलग वर्ग की तरफ से बड़े-बड़े आयोजन किए जा रहे हैं और मांग रखी जा रही है. अब एक और मांग सामने आई है, वह है राजस्थान की 200 विधानसभा में से 75 सीटों पर समाज से उम्मीदवार खड़े किए जाएं. जो पार्टी ऐसा करेगी, उन्हीं के साथ होने की बात कही है. यही नहीं, 8 अक्टूबर को महापड़ाव भी किए जाने के बारे में बताया है. यह मांग है क्षत्रिय करणी सेना की. दरअसल, क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने उदयपुर में पत्रकारों से वार्ता की और अपनी 15 मांगों के बारे में बताया.
किसी पार्टी का साथ नहीं रहा तो निर्दलीय होंगे खड़े
राज शेखावत ने बताया कि क्षत्रिय करणी सेना की तरफ से 8 अक्टूबर को जयपुर राजधानी में क्षत्रियों का महापड़ाव होगा. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान की 200 में से 75 सीट क्षत्रिय को देने की मांग कर रहे हैं. अगर कोई पार्टी साथ नहीं देगी तो क्षत्रिय निर्दलीय उम्मीदवार उतारेंगे. 12 बजे महापड़ाव शुरू होगा जिसमें हमारी 15 मांगों के लिए 3 बजे तक का समय दिया जाएगा. नहीं मानी गई मांगे तो सचिवालय कुच किया जाएगा. महापड़ाव में देश भर से कई संत महात्मा भी हिस्सा बनेंगे.
ये हैं क्षेत्रीय करणी सेना की 15 मांगें
डॉ. शेखावत ने कहा कि सत्ता में ज़्यादा से ज़्यादा क्षत्रियों की भागीदारी, क्षत्रिय कल्याण बोर्ड, स्वर्ण आयोग और सनातन बोर्ड का गठन, क्षत्रिय छात्रों के लिए जिलों में होस्टल का निर्माण, महापुरूषों और वीरांगनाओं का इतिहास संरक्षित करना, जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना, गौ हत्या रोकने हेतु कड़े कानून, लव जिहाद, लैंड जिहाद और धर्म परिवर्तन जिहाद रोकने हेतु कड़े कानून बनाना, हिंदुस्तान को हिंदू/सनातन राष्ट्र घोषित करवाना, सभी भूतपूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरियों में प्रधानता देना, एट्रोसिटी का दुरूपयोग रोकने हेतु कड़े कानून बनाना और प्रोत्साहन राशि वितरण रोकना, आरक्षण में क्रिमिलेयर का प्रावधान, समीक्षा और वंचितों को लाभ, समान नागरिक संहिता (UNIFIED CIVIL CODE), मठ मंदिरों पर से सरकार का अंकुश खत्म करने को लेकर होगी सरकार से दो टूक बात होगी.
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