राजस्थान में विधानसभा चुनाव घोषणा होने में कुछ ही दिन रह गए हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियां तो अपना दम खम झोंक रही है लेकिन समाज भी अपनी ताकत दिखा रहे हैं. पहले राजपूत और ब्राम्हण समाज अपनी ताकत पहले ही दिखा चुके है. अब मेवाड़ - वागड़, यानी राजस्थान के उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग में पहली बार पटेल, डांगी और पाटीदार समाज एक जाजम पर आए हैं. अपने आप को अलग नहीं, एक ही समाज माना है. अब यह समाज अपनी ताकत दिखाने वाला है. 24 सितंबर की वागड़ के तीर्थ बेणेश्वर धाम में तीनों समाजों का विशाल महाकुंभ होने वाला है. यहीं नहीं समाज के प्रतिनिधियों ने भाजपा और कांग्रेस को चेतावनी तक दी है. 


एक खास बात यह भी है कि इस महाकुंभ को करवाने में मुख्य भूमिका पूर्व विधायक, विधायक उम्मीदवार सहित अन्य पार्टियों में शामिल नेता है. अलग अलग पार्टियों के होने के बाद भी वह शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.


जहां से भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी शंखनाद किया वहीं होगी बैठक, 5 लाख लोगों केएस आने का दावा


उदयपुर जिले की मावली विधानसभा से पूर्व विधायक (कांग्रेस) पुष्कर लाला डांगी ने कहा कि डांगी पटेल पाटीदार समाज द्वारा आगामी 24 सितम्बर को बेणेश्वर में एक विशाल महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 5 लाख से अधिक लोगों के सम्मिलित होने की सम्भावना है. जिस जगह से कांग्रेस और बीजेपी ने चुनावी शंखनाद किया था, वहीं से डांगी, पटेल, पाटीदार समाज द्वारा भी आगामी चुनाव की रणनीति तय की जाएगी. 


28 विधानसभा पर समाज का वर्चस्व, सबसे ज्यादा वोट : आरएलपी सदस्य उदयलाल डांगी
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सदस्य उदयलाल डांगी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने अब तक उदयपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को आदिवासियों से जोड़कर देखा है, लेकिन उदयपुर की 28 विधानसभा सीटों पर सबसे ज्यादा वोट डांगी, पटेल, पाटीदार समाज के हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार जातिगत मतगणना कराती है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, लेकिन असलियत सबके सामने आने की वजह से कोई भी पार्टी जातिगत मतगणना नहीं कर रही.


समाज के लोगों को टिकट नहीं मिली तो अलग से प्रत्याशी उतारेंगे
समाज के नेता गहरी लाल डांगी ने कहा कि समाज के लोगों को टिकट देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर समाज को प्रतिनिधित्व का मौका मिलता है तो सभी एकजुट होकर कैंडिडेट को जिताएंगे. मेवाड़ संभाग में हमारे समाज को अलग-अलग नाम से जाना जाता था, जिसमें लोग डांगी, पटेल और पाटीदार को अलग-अलग मानते थे. ऐसे में हम दिखाना चाहते हैं कि यह सभी लोग एक ही समाज से हैं.


उन्होंने कहा कि बेणेश्वर में होने वाले महाकुंभ के जरिए हम सरकार को समाज की ताकत दिखाएंगे. अगर राजनीतिक पार्टियों ने समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व का मौका नहीं दिया तो समाज स्तर पर निर्णय कर कैंडिडेट को अलग से भी उतर जा सकता है. समाज के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि आज से पहले समाज के लोगों का सिर्फ उपयोग किया गया है ऐसे में इस बार पांच पांच टिकट नहीं दिए गए तो उसका खामियाजा पार्टी भुगतने को तैयार रहे.


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