Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी जानते हैं कि मेवाड़ की 28 सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. वैसे मेवाड़ बीजेपी का गढ़ कहा जाता है, लेकिन यहां एक ऐसी विधानसभा सीट है जहां एक दशक से भाजपा का राज था. कांग्रेस यहां ऐसी पटकनी दी कि बीजेपी से सिर्फ सीट ही नहीं छीनी, बल्कि पार्टी तीसरे स्थान पर आ पहुंची. इसके पीछे बड़ा कारण था बीजेपी की गुटबाजी. यह विधानसभा सीट है प्रतापगढ़ जिले की धरियावद. जानते हैं क्या कहते हैं यहां के समीकरण.
तीन-तीन बार दोनों पार्टियां जीत चुकीं
उदयपुर संभाग में प्रतापगढ़ जिला आता है, जो पहले चित्तौड़गढ़ जिले का पार्ट हुआ करता था. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय वर्ष 2008 में अलग से जिला घोषित कर दिया गया. इसी जिले में धरियावद उपखंड है, जो जिले की विधानसभा भी है. यह एरिया उदयपुर लोकसभा सीट के दायरे में आता है. इस विधानसभा की खास बात यह है कि यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के विधायक तीन-तीन बार जीत चुके हैं.
वर्ष 1998 में कांग्रेस के नगराज मीणा जीते थे, 2003 में भाजपा के गौतम लाल मीणा, 2008 में फिर से नगराज मीणा, 2013 में गौतम लाल मीणा, 2018 में दोबारा गौतम लाल मीणा विधायक रहे. वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव के बाद विधायक गौतम लाल मीणा का आकस्मिक निधन हो गया. इसके बाद हाल ही यहां उपचुनाव हुए. इस उपचुनाव में कांग्रेस के नगराज मीणा ने विजय प्राप्त की और चौंकाने वाली बात यह रही कि भाजपा के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर पहुंच गए. जबकि इससे पहले दो बार लगातार भाजपा विधायक रहे गौतम लाल मीणा जीते थे.
यहां को यह है दो प्रमुख मांगे
एबीपी ने धरियावद के लोगों से बात की तो उन्होंने वैसे तो कई मांगे बताई, लेकिन दो ऐसी मांगे हैं जो कई वर्षों से लंबित है. इसमें पहली मांग धरियावद में कृषि उपज मंडी की स्थापना करना. यहां जमीन भी है लेकिन लंबे समय से उस जमीन पर कोर्ट केस चल रहा है. जिससे वहां के किसानों को राहत नहीं मिल पा रही है. वहीं दूसरी मांग है धरियावद को अहमदाबाद नेशनल हाईवे से कनेक्ट करना. धरियावद से सलूंबर होते हुए डूंगरपुर, अहमदाबाद जाने के लिए अभी सिंगल पट्टी रोड है,. लोगों की मांग है कि इसे नेशनल हाईवे में बदल दिया जाए लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ.
गुटबाजी ने डुबोई भाजपा की नैया: एक्सपर्ट
राजनीतिक विश्लेषक डॉ कुंजन आचार्य ने बताया कि राजस्थान विधानसभा की धरियावद सीट एक जनजातीय सीट है. जहां पर भाजपा और कांग्रेस का समय-समय पर दबदबा रहा है लेकिन मौजूदा भाजपा विधायक गौतम मीणा के असामयिक निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बहुत जोरदार वापसी की. धरियावद सीट पर पिछले चुनाव में बीजेपी के गौतम लाल मीणा ने बहुत शानदार जीत दर्ज की थी लेकिन उनके असामयिक निधन के बाद भाजपा ने उनके पुत्र कन्हैयालाल को टिकट देने की जगह पूर्व उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया (अभी असम के राज्यपाल) के समर्थक रहे खेत सिंह मीणा को उम्मीदवार बनाया था.
उपचुनाव में कटारिया ने वहां बहुत पसीना बहाया था. धरियावद पर कटारिया का ज्यादा फोकस करने के पीछे अपने समर्थक का चुनाव लड़ना भी था. लेकिन कांग्रेस के नगराज ने शानदार जीत दर्ज करते हुए भाजपा के खेत सिंह को तीसरे स्थान पर धकेल दिया. इस उपचुनाव में यहां कोई मुद्दा नहीं था. ऐसा माना जाता है कि 'राम' को लेकर कटारिया के दिए गए कथित विवादित बयान को कांग्रेस ने यहां पर मुद्दा बना लिया था. नगराज मीणा ने यहां 18000 से ज्यादा मतों से जीत दर्ज कराकर बीजेपी से यह सीट छीनी. इस कारण कांग्रेस इस बार के चुनाव में अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखती है.
नगराज मीणा तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुये हैं. वे इससे पहले दो बार धरियावद के विधायक रह चुके हैं. सरकारी सेवा को त्याग कर राजनीति में आये नगराज मीणा धरियावाद विधानसभा क्षेत्र से छठी बार चुनाव लड़े. वे इससे पहले यहां पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. उनमें से तीन बार हारे और दो बार जीते, यह उनकी तीसरी जीत थी. नगराज मीणा की जीत से कांग्रेस खासी उत्साहित है.
आदिवासी पार्टी चुनौती
उन्होंने बताया कि आदिवासी सीटों पर कोई विशेष चुनावी मुद्दा नहीं रहता है ना ही कोई समस्याएं हावी रहती है. तत्कालिक और प्रासंगिक मुद्दे ही प्रमुखता से उठाए जाते रहे हैं. हालांकि पिछले उपचुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी के बागी प्रत्याशी ने दूसरे स्थान पर रह कर आने वाले चुनाव के लिए दोनों पार्टियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. पिछले चुनाव में बीटीपी अस्तित्व में आई थी लेकिन वागड़ क्षेत्र में ही 2 सीट जीत पाई. धरियावद में इसकी उपस्थिति ने राजनीतिक पंडितों के सोचने पर मजबूर कर दिया.
उपचुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी थावरचंद को 51 हजार 94 वोट मिले जबकि भारतीय जनता पार्टी के खेतसिंह को उससे भी कम 46 हजार 487 मत मिले. इनके अलावा बीटीपी के मूल प्रत्याशी गणेशलाल मीणा को 2290 मिले.