BJP on Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections 2023) से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियांं (Satish Poonia) और राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) को बड़ी जिम्मेदारी दी है. राजस्थान बीजेपी के इन दो दिग्गज नेताओं को राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है. इससे कई राजनीतिक संकेत और संदेश दिए जा रहे हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में कुल 80 सदस्य होते हैं, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं.
सतीश पूनियांं और किरोड़ी लाल मीणा से पहले राजस्थान के कई और नेता इस कार्यकारिणी के सदस्य हैं. मगर, चुनाव से पहले इस नियुक्ति को कई मामलों में ख़ास माना जा रहा है. क्योंकि, सतीश पूनियांं को बीजेपी अध्यक्ष पद के कार्यकाल खत्म होने के बाद से उपनेता की जिम्मेदारी दी है, मगर इसका कोई खासा असर नहीं दिख रहा है. पिछले दिनों राजस्थान में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के तीन बड़े नेताओं के दौरे हुए उसके बाद से सतीश पूनियांं और किरोड़ी लाल मीणा के नाम की चर्चा खूब हुई. यह नियुक्ति अब उसी का परिणाम बताया जा रहा है.
आदिवासी, किसान और जाट को साधने की तैयारी
राजस्थान बीजेपी में पिछले 35 सालों से लगातार सतीश पूनियां काम कर रहे हैं. उन्हें संगठन में लगातार कई जिम्मेदारी भी दी गई हैं. मगर, इस चुनाव में बीजेपी के लिए सतीश पूनियांं अहम हो गए हैं. क्योंकि, बीजेपी अध्यक्ष बनने के बाद से उन्होंने पूरे प्रदेश में लगातार दौरे किये. आदिवासी क्षेत्रों जैसे डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, सिरोही आदि में उनका खूब दौरा रहा हैं. उन्होंने कई जिलों में पैदल यात्रायें भी की हैं. इससे उनकी पकड़ आदिवासी क्षेत्रों में मजबूत मानी जा रही है. इसके साथ ही इन्हे किसान क्षेत्र में भी मजबूत माना जा रहा है.
अध्यक्ष के पद से हटने के बाद से जाटों ने भी इनका जोरदार समर्थन किया है. इन तीन बड़ी जातियों के वोटर्स पर बीजेपी की नजर गड़ी हुई है. वहीँ, किरोड़ी लाल मीणा ने पिछले कई महीनों से जिस तरीके से अशोक गहलोत सरकार से खूब आमने-सामने लड़ाई लड़ी है, उसका यह प्रतिफल माना जा रहा है. पूर्वी राजस्थान में बीजेपी ने अपनी और मजबूत पकड़ बनाने के लिए मीणा को यह जिम्मेदारी दी है.
अब क्या है आगे ?
राजस्थान में विधान सभा चुनाव को लेकर यहां पर चुनाव संचालन समिति और केंद्र में संगठनात्मक बदलाव के साथ ही मंत्रिमंडल फेरबदल की बात बताई जा रही है. सूत्रों का कहना है उन दोनों मामलों में इन दोनों नेताओं की एंट्री हो सकती है. जिसका परिणाम भी जल्द आने वाला है.
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