Rajasthan Assembly Election 2023 News: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक चुनावी सभा को संबोधित करने टोंक पहुंची. यहां उन्होंने अपने संबोधन के दौरान अशोक गहलोत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला. स्मृति ईरानी ने कहा कि इस प्रदेश (राजस्थान) में आदिवासी लड़कियों को निर्वस्त्र कर घुमाया जाता है और कांग्रेस सरकार पर लानत है कि वह चुप्पी साध कर बैठ जाते हैं. उन्होंने जयपुर की एक घटना की जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान के एक मुख्य शहर बच्चों को मां सरस्वती का वरदान देने वाली एक शिक्षिका को दिन के उजाले में जिंदा जला दिया जाता है. यहां बुजुर्ग माताओं को कोड़ो से, पेड़ से लगाकर मारा जाता है.


जनसभा को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, ''राजस्थान वह प्रदेश है जिसकी पुंज धरा वीरों के खून से सींची गई है. यहां पर पुलिसकर्मी केस आता है, जिसमें पुलिसकर्मी दलित बच्ची का अपहरण का उसका रेप करता है.'' उन्होंने कहा कि ''कांग्रेस सरकार में पुलिसकर्मी जब वर्दी पहनकर रेप करता है, तो क्या ऐसी जमीन पर बहू बेटियां सलामत रह सकती हैं. ये चुनाव हर उस परिवार का चुनाव है जो अपने घर की बहू बेटियों का सम्मान चाहने वाले का चुनाव है.'' 


'कौन नामर्द है जो बेटी के रेप पर...'
भीलवाड़ा की घटना की ओर इशारा करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ''यहां पर बेटी का रेप किया जाता है, उसको निर्वस्त्र कर टुकड़े-टुकड़े कर भट्ठी में फेंक दिया जाता है और जब राजस्थान विधानसभा में इस विषय पर चर्चा होती है तो कांग्रेस का एक नेता कहता कि ये मर्दों का प्रदेश है.'' मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ''मैं इन मामलों पर सीएम अशोक गहलोत से पूछना चाहती हूं कि आपकी पार्टी में ऐसा कौन सा नामर्द है, जो किसी बेटी के रेप पर आक्रोशित नहीं होता या किसी महिला को जिंदा देख कर उसका खून नहीं खौलता हैं.''


पायलट के सामने बीजेपी के ये नेता हैं मैदान में
बता दें, टोंक विधानसभा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट की रिवायती सीट है. इस बार भी कांग्रेस की तरफ से वह यहां से चुनावी मैदान में है. बीजेपी ने टोंक से पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता को मैदान में उतारा है. अजीत सिंह मेहता ने साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जकिया इनाम को टोंक से हराकर विधानसभा पहुंचे थे. अजीत सिंह मेहता बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हैं. मेहता की स्थानीय वोटर्स पर मजबूत पकड़ मानी जाती है. उनके चुनाव मैदान में उतरने से यहां का सियासी समीकरण रोचक हो गया है.


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