Udaipur TSP Teachers: राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections 2023) होने वाले हैं. इसी को लेकर सरकार हर वर्ग को साधने के लिए उनकी मांग पूरी करती जा रही है. साथ ही क्षेत्र के लोगों को रिझाने के लिए घोषणाएं भी की जा रही है. ऐसे में राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं करीब 2000 शिक्षकों की 15 से ज्यादा साल पुरानी मांग पूरी हो गई है. इतने साल मांग करने के बाद चुनाव से पहले अब शिक्षकों की घर वापसी होने वाली है.
इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है. हालांकि, एबीपी ने शिक्षक नेताओं से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी भी इसमें कई खामियां हैं जिसे लेकर सरकार से मांग रखी जाएगी. जानते हैं क्या है यह पूरा मामला और कैसे हुई घर वापसी. शिक्षक नेता शेर सिंह चौहान का कहना है यह आदेश निकला तो अच्छा है लेकिन अभी भी कई खामियां है जिनकी मांग के लिए आज ज्ञापन दिया जाएगा.
राजस्थान सरकार से जारी हुआ घर वापसी का आदेश
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम (IAS) ने आदेश जारी किया कि प्रारंभिक शिक्षा एवं पंचायती राज (प्राशि) विभाग द्वारा अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी एरिया) के अध्यापकों का प्राप्त विकल्पों के आधार पर गैर अनुसूचित क्षेत्र (नॉन टीएसपी एरिया) में समायोजन/ स्थानान्तरण के संबंध में अनुमोदन प्रदान किया गया है. उक्त अनुमोदन के तहत विभाग द्वारा माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा के बांसवाड़ा जिले से 202 चित्तौडगढ़ से 12 डूंगरपुर से 108 उदयपुर से 760.
प्रतापगढ़ से 424, राजसमन्द से 47, सिरोही से 218 एवं पाली से 132 कुल 1903 जिसमें लेवल-1 के 1398 एवं लेवल-2 के 505 अध्यापकों को उनके द्वारा दिये गये विकल्प की प्राथमिकता के क्रम में जिलों में उपलब्ध रिक्त पदों के आधार पर समायोजन की स्वीकृति प्रदान की गई है. समायोजन आदेशों में विनिर्दिष्ट क्षेत्र में पदस्थापित शिक्षक जिन्होनें विनिर्दिष्ट क्षेत्र से बाहर जाने का विकल्प दिया है. उनके पदों पर प्रक्रियाधीन प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक अध्यापक (अनुसूचित क्षेत्र) सीधी भर्ती 2022 के माध्यम से उपलब्ध वैकल्पिक शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त उपयुक्त शिक्षकों को कार्यमुक्त किया जायेगा.
अब समझिए क्या है TSP और Non-TSP मामला
शिक्षक नेताओं का कहना है कि 90 के दशक तक Non TSP और TSP (अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र) की ज्यादा परेशानी नहीं थी. ऐसे में उस समय कई शिक्षक उदयपुर संभाग के अलग अलग क्षेत्र में पोस्टेड हो गए. लेकिन फिर TSP का दायरा बढ़ता गया और Non TSP के शिक्षक TSP में आ गए. अब नियम यह कहा है कि Non TSP से TSP ने शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं हो सकता और टीएसपी से नॉन टीएसपी ट्रांसफर नहीं हो सकता. ऐसी स्थिति में शिक्षक वहीं रह गए. यही Non TSP शिक्षक लंबे समय से TSP से निकलने यानी स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं.
आसानी से ऐसे समझें: राजस्थान का TSP क्षेत्र यानी अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र. यह क्षेत्र राजस्थान के उदयपुर संभाग में ही सबसे ज्यादा है, इसके अलावा प्रदेश के कुछ ही जिलों के कुछ क्षेत्र हैं.राजस्थान सरकार की तरफ से भर्ती निकलती है तो TSP क्षेत्र की अलग से सीटें निर्धारित होती जिन पर TSP क्षेत्र के अभ्यर्थी ही बैठते हैं. यह परीक्षा में चयनित हो जाते हैं तो इन्हे इसी यानी TSP क्षेत्र में ही पोस्टिंग मिलती है. यह TSP से बाहर नहीं जा सकते. शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षक इस दायरे में आते हैं. प्रथम श्रेणी नहीं.