Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) में आगमी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की प्रदेशभर में तैयारियां चल रही हैं. राजस्थान की सत्ता तक पहुंचने वाले गलियारे मेवाड़ और वागड़ की 28 विधानसभा सीटों पर चुनाव पहली बार कुछ अलग होने जा रहा है जिसकी हर तरफ चर्चाएं हैं. यहां चतुष्कोणीय मुकाबला होगा. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के अलावा दो आदिवासी पार्टियां पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी हैं. भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने अपनी दो सूचियों में 12 और नई बनी भारतीय आदिवासी पार्टी ने 10 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं.


मेवाड़ और वागड़ में 28 विधानसभा सीट हैं, जिनमें से 16 एसटी आरक्षित हैं. इन 16 सीटों पर तो सीधा आदिवासी वोटर्स जीत हार तय करते हैं लेकिन इनके अलावा भी अन्य सीटें हैं जहां आदिवासी वोटर्स प्रभावित करते हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले हुए चुनाव में इन वोटर्स के पास दो ही विकल्प थे बीजेपी और कांग्रेस. इसलिए एक विधानसभा में बीजेपी और एक में कांग्रेस को वोट देते थे इसलिए हर पांच साल में हार जीत होती रही और राजस्थान की सत्ता भी बदलती रही. 


28 में से दो सीट भारतीय  ट्राइबल पार्टी ने जीती थी
वर्ष 2018 में भारतीय ट्राइबल पार्टी आई और पहली ही बार में 28 में से 2 विधायक बीजेपी और कांग्रेस से छीन लिए. तब भी भारतीय ट्राइबल पार्टी के अन्य सीटों पर भी प्रत्याशी थे जहां से उन्हें भी वोट मिले. अब भारतीय आदिवासी पार्टी भी आ गई हैं. इसलिए यहां के राजनीतिक गणित बदलेगी.


किसके कटेंगे वोट और किन्हें होगा नुकसान?
भारतीय ट्राइबल पार्टी और भारतीय आदिवासी पार्टी के मैदान में उतरने पर बीजेपी और कांग्रेस के वोटों का गणित बिगड़ सकता है क्योंकि मेवाड़-वागड़ में अधिकतर सीटों पर आदिवासी वोट हावी हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस को पिछले कई विधानसभाओं से मिलते आ रहे वोट बंटेंगे. इससे दोनों ही पार्टियों को नुकसान झेलना पड़ेगा. हालाकि बीटीपी से टूटकर ही बीएपी बनी है. पिछली बार बीटीपी को मिले वोट भी इधर-उधर होंगे.