Rajasthan Elections 2023: कोटा में हुई महारैली के दौरान राजस्थान की राजनीति में उथल पुथल शुरू हो गई है. राजस्थान में यह रैली कई तरह से अहम हैं. इस रैली में एक दर्जन से अधिक विधायक और कई सांसद नजर आए. पूर्व कई विधायक और सांसद भी इस रैली में शामिल रहे. इसके साथ ही कई पूर्व मंत्री भी यहां दिखाई दिए. इससे साफ कहा जा सकता है कि एक बार फिर से चुनावी संग्राम शुरू हो गया है. एक धड़े ने पूरी तरह से यहां दूरी बनाए रखी, जिसमें कोटा के शहर और ग्रामीण बीजेपी जिलाध्यक्ष भी दिखाई नहीं दिए. 


भामाशाह योजना का नाम बदलकर चिरंजीवी कर दिया 
वसुंधरा राजे ने कहा कि हमने मुफ्त इलाज के लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की, उसका नाम बदल कर इन्होंने चिरंजीवी स्वास्थ्य कर दिया. हमारी योजना में सब अस्पतालों में गरीबों का फ्री इलाज होता था. इनकी योजना में बड़े अस्पताल गरीब मरीज को घुसने तक नहीं देते. कहने को तो यह इस योजना में 25 लाख तक का इलाज होता है, लेकिन 2021 से लेकर अब तक औसतन 11500 रुपये भी चिरंजीवी योजना में एक मरीज पर खर्च नहीं हुए. 


वसुंधरा राजे ने कहा कि नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को हमने  50 प्रतिशत आरक्षण दिया पर कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ अदालत में चली गई. पहली बार देश में हमने महिलाओं को पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. हम तो नगर निकाय चुनाव में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस हमारे इस फैसले के खिलाफ अदालत में चली गई और महिलाओं को मिलने वाला यह आरक्षण रुक गया.


'13 जिलों का जीवन बदलने वाली ईआरसीपी योजना को कांग्रेस ने उलझा दिया'
वसुंधरा ने कहा कि हमने कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां सहित 13 जिलों का जीवन बदलने वाली ईआरसीपी शुरू की. उसे भी इस सरकार ने राजनीति में उलझा कर छोड़ दिया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की प्रेरणा से हमने नदियों को जोड़ने का काम शुरू किया, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये काम भी रुक गया. हमने झालावाड़ में आहू और चंवली नदी को जोड़ने का काम पूरा किया. इससे झालावाड़ जिले के 31 गांव लाभान्वित हुए. 


'एक पत्थर लगाया, सत्ता में आए, फिर 5 साल कुछ नहीं किया'
वसुंधरा राजे ने कांग्रेस के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए और सरकार की कई योजनाओं को अपनी योजना बताया. उन्होंने कहा कि झालावाड़, बारां और कोटा जिले के लिए महत्वपूर्ण परवन सिंचाई परियोजना भी वैसे की वैसे ही पड़ी है. जबकि हमारी इस योजना का श्रेय लूटने के लिए इन्होंने सितंबर 2013 में राहुल गांधी को बुलाया था. एक पत्थर लगाया, सत्ता में आए, फिर 5 साल कुछ नहीं किया. आज 2 लाख बीघा जमीन और करीब 950 गांव इसके पानी के इंतजार में हैं. हमने मुख्यमंत्री जल सावलम्बन अभियान शुरू किया. उसका परिणाम यह रहा कि उस वक्त प्रदेश का भूजल स्तर बढ़ा.


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