Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में राजनेताओं की पदयात्रा (Padyatra) का इतिहास कोई बहुत पुराना नहीं है. हालांकि यहां विरले नेता ही हैं जिन्होंने पैदल यात्राएं की हैं. सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने अजमेर से जयपुर के लिए पैदल यात्रा करने की घोषणा कर दी है. सचिन से पहले बीजेपी के उप नेता प्रतिपक्ष डॉ सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने भाजयुमो अध्यक्ष रहते हुए अजमेर से भरतपुर तक की कुल 551 किमी की दूरी पैदल ही तय की थी. उनके बाद और पहले किसी भी नेता ने राजस्थान में पैदल चलने की हिम्मत नहीं जुटा पाई.
सचिन पायलट ने 11 मई को आरपीएससी से पैदल यात्रा पर निकलने की घोषणा कर दी है. दरअसल, मसला पेपर लीक का है तो ऐसे में अब बड़ी संख्या में युवाओं के जुड़ने की बात हो रही है. नाराज बैठे युवाओं को जोड़ने और उन्हें उम्मीद देने की कोशिश की जाएगी.
जब पूनिया ने की थी यात्रा
डॉ. सतीश पूनिया ने वर्ष 1999 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए वीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान की धरती अजमेर से लेकर वीर योद्धा महाराजा सूरजमल की धरती भरतपुर तक 551 किलोमीटर की जनजागरण पदयात्रा निकाली थी. यह यात्रा लगभग एक महीने चली थी. इसमें 14 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक यात्रा हुई थी. इसके बाद उन्होंने जुलाई 2022 को द्रौपदी मुर्मू के देश की राष्ट्रपति बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार अभिनंदन व्यक्त करने के लिए बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी माता मंदिर से डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम तक आदिवासी भाई-बहनों के साथ लगभग 45 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली थी. उस वक्त पूनिया राजस्थान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे.
राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश शर्मा का कहना है कि ऐसी यात्राओं से लाभ मिलता है. लोग जुड़ते हैं. कई विधानसभा क्षेत्रों पर इसका असर पड़ेगा. हालांकि, राजस्थान में पैदल चलने वाले नेताओं का इतिहास कुछ ज्यादा नहीं रहा है.
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