Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर हर तरफ तैयारियां जोरों से चल रही है. राजनीतिक पार्टियां प्रत्याशी घोषणा में लगी हुई हैं तो वहीं निर्वाचन विभाग आगामी चुनाव और इसमें ज्यादा से ज्यादा मतदान करने में जुटा हुआ है. मेवाड़-वागड़ की बात करें तो यहां 28 सीटों पर चतुष्कोणीय श्रृंखला शुरू हो गई है. उदयपुर संभाग के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि यहां का एक ऐसा जिला है जिसमें पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. क्योंकि पहले यह एक विधानसभा हुआ करती थी जो अब जिला बन चुकी है. जानते हैं यह की सियासी स्थिति और समीकरण.


सबसे ज्यादा 10 बार कांग्रेस रही लेकिन दो बार से भाजपा का गढ़

 

दरअसल सलूंबर उदयपुर जिले की तहसील हुआ करती थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी साल घोषणा करते हुए प्रदेश में अन्य के साथ सलूंबर को भी जिला घोषित किया था. पहले उदयपुर से कंट्रोल होता था और अब खुद के पास मॉनिटरिंग है. ऐसे में यहां राजनीतिक स्थितियां भी बदलेंगी. पार्टियों की बात की तो यहां आजादी के बाद से वर्ष 2018 तक हुए चुनाव में कांग्रेस 10 बार जीती. लेकिन पिछले दो चुनावों की बार की तो यहां भाजपा लगातार दो बार से जीत रही है. अब जिला बनने के बाद यहां भाजपा की लगातार जीत के रथ को रोकना कांग्रेस के लिए चुनौती है. खास बात यह भी है कि यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर सिंह मीणा है. यहां यह खुद हार चुके हैं. ऐसे में वे साख बचाने में जुटे हैं.

 

65% आबादी जनजाति, 69% हो रहे मतदान

 

सलूंबर विधानसभा सीट की बात की तो यह एसटी आरक्षित सीट हैं. यहां 65% आबादी जनजाति है. यहीं चुनाव में निर्णायक साबित होती आई है. खास बात यह भी है कि यहां 69% तक मतदान हुआ है. पिछले दो साल से यहीं प्रतिशत रह रहा है. जिला बनने के बाद पहली बार चुनाव हो रहा है जिससे लोगों ने उत्साह है और निर्वाचन की तरफ से यहां मतदान बढ़ाने के लिए जागरूकता शुरू कर दी है. 

 

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