Electricity Crisis: राजस्थान पहले ही कोयले की कमी से जूझ रहा है. इस बीच झालावाड़ से एक बुरी खबर सामने आ गई. थर्मल पावर प्लांट की 600-600 मेगावाट की दोनों इकाइयां ठप हो गयीं. कोयले की कम आपूर्ति के कारण पहली यूनिट तीन दिन से ठप है. अब दूसरी यूनिट बंद होने से प्रदेश में बिजली संकट और बढ़ने वाला है. दोनों यूनिट बंद होने से अब थर्मल पावर प्लांट में पूरी तरह बिजली उत्पादन ठप पड़ा है. सूत्रों ने बताया कि थर्मल पावर प्लांट की दूसरी यूनिट का काम तेजी से चल रहा है.
यूनिट में हाइड्रोजन की खपत ज्यादा हो रही थी और यूनिट की ट्यूब में पानी भी लीकेज हो रहा था. पानी लीकेज होने के कारण कोयला गीला होने से प्लांट में दिक्कत आ गयी और यूनिट बंद हो गई. दोनों यूनिट को शुरू करने के लिए 15 दिनों से अधिक का समय लगेगा. थर्मल पावर प्लांट की इकाइयों के बार-बार खराब होने से करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है.
गीले और घटिया कोयले की सप्लाई
अधिकारियों ने बताया कि थर्मल पावर प्लांट में गीले और घटिया कोयले की आपूर्ति से परेशानी है. गीले और घटिया कोयले की सप्लाई की शिकायत उच्च स्तर पर दर्ज करवाई जा चुकी है लेकिन अब तक समाधान नहीं निकला है. गीले और घटिया कोयले का उपयोग करने से थर्मल पावर प्लांट में लगी मशीनों को झटके लग रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि घटिया कोयले के इस्तेमाल से थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट में खराबी आ गई है. लिहाजा पहली यूनिट को बंद करना पड़ा है. दूसरी यूनिट के हाइड्रोजन क्लीनर सिस्टम में खराबी आई और दूसरी यूनिट को सही करने के लिए बंद करना पड़ा.
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2021 में भी हुई थी दोनों यूनिट बंद
बता दें कि थर्मल पावर प्लांट में सितंबर 2021 में भी खराबी आने से दोनों यूनिट ठप हो गई थीं और दोबारा शुरू करने में 15 दिनों का समय लगा था. उस समय भी गीला और घटिया कोयला से बिजली बनाने की कोशिश की गयी थी जिसके चलते खराबी आने से दोनों यूनिट ठप हो गई थीं. अब फिर से घटिया कोयले की सप्लाई के कारण यूनिट बंद होना राजस्थान में बिजली संकट और गहरा सकता है. शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय तक बिजली कटौती से आमजन परेशान हैं.
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यूनिट को चालू करने में जुटे कर्मचारी
बताया जा रहा है कि यूनिट में हाइड्रोजन की खपत ज्यादा हो रही थी. घटिया कोयला और पानी की लीकेज की समस्या को देखा जा रहा है. दूसरी यूनिट में पानी के 84 कंडेक्टर लगे हुए हैं. यूनिट शुरू करने के लिए इंजीनियरों की टीम लगी हुई है. 15-20 तकनीकी कर्मचारी अलग-अलग शिफ्ट में दिन-रात कम कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि पहली यूनिट के क्लीनर में खराबी आई है. पता लगाने के लिए यूनिट का हाइड्रोलिक टेस्ट किया जाएगा. यूनिट में कोयले का बॉयलर होता है. बॉयलर में कोयला डाला जाता है. ऐसे में दिखाई नहीं देता है कि खराबी किस जगह आई है.
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