Jodhpur Onion Crop Facing Crisis: पश्चिमी राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है. वहीं बिजली संकट के चलते कई कई घंटों बिजली कटौती की जा रही है. इन दिनों किसान के खेतों में प्याज की फसल पूरी तैयार होने की कगार पर खड़ी है, लेकिन बिजली की कटौती के चलते फसल को बराबर पानी नहीं मिलने से किसानों के खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हो रही है. किसानों के खेतों में उगने वाला प्याज इस बार किसानों के आंखों में आंसू ला रहा है.
जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों विद्युत विभाग की ओर से घोषित व अघोषित कटौती की जा रही है. कृषि कर खेतों में फसल की उपज करने वाले किसानों के सामने संकट खड़ा हो चुका है. बिजली संकट के चलते विद्युत विभाग लगातार बिजली की कटौती ग्रामीण क्षेत्र में करते जा रहे हैं, जिसके चलते किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. उसका खामियाजा किसान को उठाना पड़ रहा है क्योंकि उसकी पूरी तैयार फसल खेतों में बिना पानी जल रही है.
जिले में 20 हजार हेक्टेयर प्याज की हुई बुवाई
ऐसे में कच्ची फसल को खेत से हटाने को मजबूर जोधपुर के देवाराम किसान ने बताया कि उसने प्याज की फसल 2 एकड़ में की थी और फसल अच्छी होने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार गर्मी जल्दी आने, पानी की कमी व तीसरा कारण बिजली संकट के चलते पूरी फसल जलकर बर्बाद हो गई है. प्याज की फसल में पूरा नुकसान हो रहा है.
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300 करोड़ के नुकसाम की आशंका
जिले में 20 हजार हेक्टेयर में प्याज की बुवाई हुई है. सामान्य उत्पादन होता तो 4 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन आता लेकिन अप्रैल माह में बढ़े तापमान के कारण 30-40 प्रतिशत प्याज खराब हो गया. ऐसे में 2.5 से 3 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है. तेज गर्मी में सिंचाई की अधिक आवश्यकता के बीच बिजली में कटौती से भी प्याज में ओर अधिक नुकसान की आशंका है. ऐसे अगर एक-दो दिन में सिंचाई हेतु विद्युत सप्लाई में सुधार नहीं हुआ केवल अगेती प्याज ही बच पायेगा, जिससे उत्पादन घट कर 1.5 लाख मीट्रिक टन ही रह सकता है. प्याज की उत्पादन लागत 12 रुपये प्रति किलो है, ऐसे में अब तक तेज गर्मी के कारण किसानों को 180 करोड़ के लगभग नुकसान की आशंका है. विद्युत सप्लाई में सुधार नहीं हुआ तो नुकसान 300 करोड़ तक पहुंच सकता है.