Rajasthan Jodhpur Water Problem: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गृह जिले जोधपुर (Jodhpur) में जल संकट (Water Problem) गहराता जा रहा है. एक और नहर बंदी के चलते शहर वासियों को 72 घंटे में पानी की सप्लाई दी जा रही है वहीं दूसरी और अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल संकट बढ़ सकता है क्योंकि जनता जल योजना (Janta Jal Yojana) के सभी कर्मचारियों ने अपने 3 साल का बकाया वेतन नहीं दिए जाने पर 10 दिन का जिला कलेक्टर को अल्टीमेटम दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि वेतन नहीं मिला तो वो जनता जल योजना को बंद करके अनशन और धरने पर बैठेंगे.
बिना वेतन के कैसे करें काम
राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सप्लाई को सुचारू रूप से चल सके इसके लिए जनता जल योजना को शुरू किया गया था. इस योजना में प्रत्येक पंचायत में संविदा पर कर्मचारियों को लगाया गया जिनका मानदेय ₹6834 प्रति माह तय किया गया. जनता जल योजना के तहत काम करने वाले जोधपुर जिले के सभी पंचायत समिति के कर्मचारी आज इकट्ठा होकर जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और बताया कि उन्हें 3 साल से वेतन नहीं मिल रहा है, बिना वेतन के वो काम कैसे करें. कर्मचारियों ने जोधपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया साथ ही कहा कि हमारी मांगे 10 दिन में पूरी नहीं की गईं तो जोधपुर जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई को बंद कर के धरने पर बैठेंगे.
प्रशासन देख तक नहीं रहा है
जोधपुर जिले के जनता जल योजना के कर्मचारियों के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने बताया कि पिछले 3 सालों से हम लोगों को वेतन नहीं मिल रहा है, हम भूखे प्यासे काम कर रहे हैं लेकिन प्रशासन हमारी तरफ देख नहीं रहा है. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि है उनको पीएचडी में शामिल किया जाएगा लेकिन ना तो हमें रुपए मिले हैं ना ही कुछ धरातल पर हो रहा है. जनता जल योजना के कर्मचारियों ने जोधपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बकाया वेतन तुरंत भुगतान करने की मांग की है. वेतन ना मिलने पर सभी कर्मचारी इस स्कीम को बंद करते हुए जोधपुर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना देंगे.
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