Rajasthan Politics News:  राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए अब एक साल से भी कम समय बाकी है. भाजपा और कांग्रेस सत्ता में वापसी करने की रणनीति पर काम कर रही है. यही वजह है कि सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी दोनों के बीच इस मसले पर चरम पर है. खासतौर से पूर्वी राजस्थान की ईआरसीपी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की जिद पर अड़ी है तो बीजेपी इसे वोटों की राजनीति करार देने में जुटी है. दरअसल, यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसके जरिए कांग्रेस पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में केंद्र सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा कर सियासी बढ़त लेना चाहती है.


इस मामले में बीजेपी के नेताओं की मानें तो उनका कहना है देश में 70 साल कांग्रेस ने राज किया लेकिन कभी उन्हें जनता की याद नहीं आई. अब हार नजदीक देख कांग्रेस इस मसले पर वोट बैंक की राजनीति कर रही है. यह पूर्वी राजस्थान की जनता के साथ छलावे के अलावा कुछ नहीं है. 


ERCP को मूर्त रूप देने में केंद्र करे सहयोग, नहीं तो...


ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना) को लेकर कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पूर्वी राजस्थान पहले हरा भरा था, लेकिन अब रेगिस्तान बन गया और जो पश्चिमी राजस्थान रेगिस्तान था, वह हरा भरा है. अगर पूर्वी राजस्थान की ईआरसीपी योजना को केंद्र सरकार राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे दे तो यह क्षेत्र भी पश्चिम की तरह हरा भरा हो जाएगा.


केंद्र सरकार ने समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो कांग्रेस 13 जिलों के लोगों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में है. कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि ताजा बजट में गहलोत सरकार ने ईआरसीपी योजना के लिए 9600 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, लेकिन यह योजना करीब 40000 करोड़ रुपये की है. केंद्र सरकार को चाहिए की वो इस इस योजना को मूर्त देने में राज्य सरकार के साथ सहयोग करे. 


पूर्वी राजस्थान की जनता से छलावा न करे कांग्रेस 
कांग्रेस के उलट बीजेपी नेताओं का कहना है कि ईआरसीपी योजना का प्रस्ताव वसुंधरा सरकार ने बनाकर केंद्र को भेजा था. ऐसे में कांग्रेस बेवजह की राजनीति कर रही है. बीजेपी नेताओं का कहना है, "70 सालों से राज कर रही है. तब उन्हें पानी की याद क्यों नहीं आई. कांग्रेस वोट पाने के लिए प्रदेश की जनता के साथ छलावा करने पर उतारू है. कांग्रेस जो नाटक नौटंकी और ड्रामा कर रही है उसे राजस्थान की जनता सब जानती है. अगर कांग्रेस हकीकत में ईआरसीपी को लेकर ईमानदारी से काम करना चाहती है तो मैं सीएम अशोक गहलोत से कहना चाहता हूं कि आप खुद मेरे साथ चलें. आप के विधायक, सांसद, मंत्री साथ सहित पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह जी को भी साथ ले लें. मैं भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास चलूंगा और उनसे प्रदेश की जनता के हित सहयोग की अपील करूंगा." 


Congress बना सकती है ईआरसीपी को चुनावी मुद्दा 
बता दें कि राजस्थान में पानी एक बड़ी समस्या है. पीने के पानी को लेकर लोग दर-दर भटक रहे हैं. इसके लिए समय-समय पर लोग इलाकों के जनप्रतिनिधियों से गुहार भी लगाते रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने जनता को भरोसा तो दिया लेकिन समस्या जस की तस है. आगामी विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान की ईआरसीपी योजना सियासत दानों के लिए बड़ा मुद्दा बन सकती है.


कांग्रेस ने तो केंद्र सरकार को इस मसले पर आरर-पार की लड़ाई के संकेत भी केंद्र को दिए हैं. दरअसल, पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस की पकड़ अच्छी है. पार्टी ईआरसीपी को मुद्दा बनाकर 2023 में बीजेपी को इस क्षेत्र में पटखनी  देना चाहती है. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं. इस मसले पर केंद्र के असहयोगी रवैये के खिलाफ कांग्रेस के तेवर पहले से ही गर्म हैं. 


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