Rajasthan Examination Bill 2022: राजस्थान (Rajasthan) की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) ने राजस्थान पात्रता परीक्षा (REET) में पेपर लीक (Paper Leak) मामले में, दोषियों को सजा दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है. इसके लिए गहलोत सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसके तहत सार्वजनिक भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक करने के दोषियों को दस साल की जेल और दस करोड़ रूपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव पेश किया है. 


विधेयक को पेश करते हुए राज्य सरकार ने यह कहा
राजस्थान परीक्षा विधेयक 2022 पेश करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि, "प्रश्न पत्र लीक करना आम जनता के साथ विश्वासघात करता है." उन्होंने आगे कहा कि, "राज्य को भी परीक्षाओं को रद्द करने के बाद, पर्याप्त प्रशासनिक लागत का नुक्सान उठाना पड़ता है. भारत के संविधान के समानता मानदंड के आधार पर नौकरियों में चयन के लिए एक निष्पक्ष और उचित प्रक्रिया को अपनाने की जरुरत है, यह उचित और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया आर्टिकल 14 (समानता का अधिकार) की एक मूलभूत जरुरत है.


सरकार ने कहा कि, सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों पर अंकुश लगाने के लिए 1992 में बनाया गया राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (Prevention of Unfair Means) अधिनियम बहुत हल्का है." विधेयक पेश करते समय राज्य शिक्षा मंत्री ने कहा कि, "सार्वजनकि परीक्षा में धांधली पिछले 30 सालों में एक तरह से संगठित अपराध बन गया है, जबकि पिछले एक दशक में इनफार्मेशन और टेक्नोलॉजी के विकास से सार्वजनिक परीक्षाओं के निष्पक्ष संचालन में धोखाधड़ी के नए तरीकों को जन्म दिया है." उन्होंने आगे कहा, "1992 के कानून में अधिकतम तीन साल की जेल और अधिकतम दो हजार का जुर्माना निर्धारित किया गया था."


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नए विधेयक में सजा का यह है प्रावधान



  • विधानसभा में पेश किए गए राजस्थान परीक्षा विधेयक 2022 के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति या समूह से सार्वजनिक परीक्षा में अवैध तरीके से मदद लेता है, या किसी गैजेट का उपयोग धोखा देने के लिए करता है, तो उस व्यक्ति को अधिकतम तीन साल के जेल की सजा और एक लाख का जुर्माना हो सकता है.

  • वहीं परीक्षा पेपर लीक करने या पेपर को अवैध तरीके से पेपर हल करने पर, दोषी को सजा 5 से 10 साल के बीच हो सकती है, जबकि इसके लिए 10 लाख से लेकर 10 करोड़ तक जुर्माना हो सकता है.

  • नए कानून के तहत दोषी ठहराए गए परीक्षार्थी को सजा के साथ, दो साल के लिए सार्वजनिक भर्ती परीक्षा में आवेदन करने से वंचित कर दिया जाएगा.

  • इस मामले में पुलिस को इस तरह के किसी भी अपराध में शामिल होने पर, संपत्ति को जब्त करने की शक्ति दी गई. अगर किसी संस्थान के लोग नए कानून के तहत किसी भी अपराध के लिए दोषी पाए जाते हैं, तो वह अदालत के जरिये निर्धारित परीक्षा से संबंधित सभी लागत और खर्च का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे, साथ ही उन्हें हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.

  • राजस्थान सरकार ने परीक्षाओं में हुई अनियमितता और चीटिंग से संबंधित मामलों के जांच तंत्र को मजबूत करने के लिए, राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) के तहत एंटी-चीटिंग सेल की स्थापना की करने की भी घोषणा की है. 


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