ABP Live Exclusive: राजस्थान में किसका चलेगा सिक्का? पत्रकारों के एग्जिट पोल में आए हैरान करने वाले आंकड़े
Rajasthan Exit Poll Result 2024: एबीपी लाइव से एक्सक्लूसिव बातचीत में राजस्थान के पत्रकारों ने अपने अनुभव और अनुमान से सभी 25 सीटों के एग्जिट पोल बताए हैं. इसमें भी बीजेपी का पलड़ा भारी है.
Rajasthan Exit Poll 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर हर तरफ शोर है. इसके लिए 4 जून तक का इंतजार करना होगा. इस बीच एबीपी लाइव डिजिटल के लिए राजस्थान की सभी 25 सीटों का पत्रकारों ने एग्जिट पोल किया है. इसमें उन्होंने जो आंकड़े बताए हैं, वो बीजेपी और कांग्रेस के लिए चौंकाने वाले हैं.
एबीपी लाइव डिजिटल के लिए पत्रकारों के एग्जिट पोल में एनडीए 2019 के मुकाबले मुश्किल में दिखाई दे रही है. पत्रकारों के मुताबिक एनडीए को 16 सीटों पर जीत मिलती दिख रही हैं, जबकि इंडिया गठबंधन को 2 सीटों पर जीत मिल सकती है. मुकाबला टक्कर का है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पत्रकारों के एग्जिट पोल में 7 सीटों पर जीत-हार किसकी होगी, ये कहना मुश्किल है.
पत्रकारों के एग्जिट पोल में किसे कितनी सीटें?
एनडीए- 16
इंडिया- 2
कांटे की टक्कर- 7
पत्रकारों के एग्जिट पोल के मुताबिक चूरू, अलवर, करौली-धौलपुर, बाड़मेर, जालौर, बांसवाड़ा और कोटा सीट पर करीबी लड़ाई है. इस चुनाव में राजस्थान में बीजेपी का किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस ने 3 सीटों पर सीपीआई, आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) और बीएपी (भारतीय आदिवासी पार्टी) के साथ गठबंधन किया है. बता दें कि साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को सभी 25 सीटों पर जीत मिली थी.
एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल के आंकड़े
वहीं लोकसभा चुनाव का एबीपी सी वोटर ने भी एग्जिट पोल किया है. एबीपी के लिए सी-वोटर की ओर से किए गए एग्जिट पोल के मुताबिक राजस्थान की 25 में से बीजेपी को 21 से 23 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि इंडिया गठबंधन को दो से चार सीटें मिल सकती हैं. वहीं बीजेपी को लगभग 55 फीसदी वोट, कांग्रेस को 39 और अन्य को 6 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं.
डिस्क्लेमर: एबीपी लाइव के ये चुनावी आंकड़े राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों के विशेष पैनल के आकलन पर आधारित हैं. इस पैनल में तीन या पांच स्थानीय पत्रकार शामिल रहे. जीत और हार का फैसला पत्रकारों के बहुमत की राय के आधार पर तय किया गया. जब पैनल में किसी सीट पर राय पूरी तरह से बंटी हुई रही तो उसे कड़ी टक्कर की श्रेणी में रखा गया.