Rajasthan News: राजस्थान का खानपान और रहन-सहन का पहनावा देश ही नहीं दुनिया में मशहूर है. आज हम बात करेंगे राजस्थान की एक ऐसी सूखी सब्जी की जो बहुत ही मशहूर है .जिसका नाम सांगरी है. आपको जानकर हैरानी होगी यह सब्जी सूखे मेवों से भी ज्यादा महंगी बिकती हैं. पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर नागौर चूरू सीकर सहित अन्य क्षेत्र में उगने वाली सांगरी स्वाद और जायका बढ़ाने वाली हैं.
इतना ही नहीं 1 किलो भर सांगरी में आपके हिसाब से पूरे महीने की सब्जी आ सकती है. इस बार अचानक सांगरी के दाम दुबले हो गए हैं सांगरी की कम पैदावार के चलते व्यापारी चिंता में है और किसान भी किसान भी दाम इसलिए बढ़ा रहे हैं, क्योंकि पैदावार के दौरान एक रोग ने इसका उत्पादन गिरा दिया सांगरी के पेड़ों में लगे एक छोटे से रोग ने करोड़ों रुपए के व्यापार को प्रभावित कर दिया है. अब इस सूखी सब्जी को खरीदने के लिए भी लोग सोचने को मजबूर हो रहे हैं.
हर साल सांगरी बाजार में बिकने के लिए आती हैं. एक अनुमान के मुताबिक इस पूरे सीजन में एक बार में 25 साल के करीब उसकी खपत होती है, लेकिन इस बार सांगरी के पौधे में गिलडू रोग (गलेडा) की वजह से इसकी पैदावार पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. इस एक रोग ने पूरे उत्पाद पर ब्रेक लगा दिया है. व्यापारियों का कहना है कि इस रोग की वजह से इस बार उत्पादन 35% यानी 8 टन ही रह गया है. यही कारण रहा कि इस बार सांगरी की कीमत प्रति किलो 1200 रुपए तक पहुंच गई है.
बारिश से गिरी सांगरी की पैदावार
सांगरी की खास बात यह है कि यह सब्जी पूरी तरह प्राकृतिक खेजड़ी (जाटी) के पेड़ पर लगती है. सांगली सब्जी पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से उगाई जाती है.और यह कीटनाशक व किसी भी प्रकार के केमिकल से मुक्त होती है.सांगरी के उत्पादन में गिरावट तीन कारणों से हो रही है.पहला कारण बारिश और बिजली चमकना जानकारों की मानें तो इस मार्च के बाद में बेमौसम की बारिश से इलाकों में जहां सामग्री होती है.वहां सबसे ज्यादा बारिश हुई है.ऐसे में बारिश का सबसे ज्यादा असर सांगरी की पैदावार पर हुआ है.
इन कारणों से फसल होती है खराब
सूखी सब्जी सांगरी की पैदावार गिरने का दूसरा बड़ा कारण तापमान भी रहा है. मार्च और अप्रैल के महीने में तेज गर्मी अपना असर दिखाना शुरू करती है और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, लेकिन इस बार तापमान 33 से 35 डिग्री के आसपास ही रहा था. सांगरी की पैदावार कम करने के पीछे तीसरी वजह बिजली की चमक रही क्षेत्र के किसान बताते हैं कि इन दिनों अमूमन बारिश नहीं होती है. बारिश के साथ अगर आकाश में बिजली चमकती है तो सांगरी के फूल आते समय ही नीचे गिर कर खराब हो जाते हैं.
सुखी सांगरी की सब्जी का ये है भाव
बाजार में अभी सुखी सांगरी की सब्जी 1000 से 1200 रुपए के बीच प्रति किलो बिक रही हैं. बीते साल 500 से 700 रुपये किलो के भाव थे. बाजार में भाव ज्यादा होने से व्यापारियों और किसान दोनों को काफी नुकसान हुआ है. सर्दियों में तापमान इस बार काफी कम था.गर्मी ने भी इतना असर नहीं दिखाया हैं. ऐसे में गिलडू कीड़ों को अनुकूल माहौल मिलने से ही खेजड़ी पर रोग पनपने लगा और राजस्थान की सांगरी की सब्जी खराब हो गई.
प्रोडक्शन का 70% हिस्सा ही मार्केट में आता
भारतीय किसान संघ के प्रदेश सचिव तुलसाराम शिविर ने बताया कि इस बार सांगरी का प्रोडक्शन बीमारी की वजह से 35% तक ही रह गया है. सांगरी में गांठ हो गई थी, जिसकी वजह से सांगरी बन नहीं पाई . उन्होंने बताया कि अप्रैल में खेजड़ी के पेड़ पर फूल को फुट होती है. यह सांगरी के पेड़ पर लगने का सबसे पीक समय होता हैं. इसी दौरान इसे तोड़ा जाता है.1 साल तक इसे स्टॉक रखते हैं. उन्होंने बताया कि हर साल पूरे प्रोडक्शन का 70% हिस्सा मार्केट में आता है. ऐसे में मार्केट में अभी 35% सांगरी ही पहुंची है.
सांगरी को इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है
सांगरी की सूखी सब्जी को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर भी माना जाता है.इसके अलावा धार्मिक ग्रंथ महाभारत में भी सांगरी का वर्णन मिलता है गुणों में यह सूखे मेवों से कम नहीं है सांगरी में पोटेशियम मैग्नीशियम कैल्शियम आयरन जिंक प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा मौजूद है इसमें पाया जाने वाला से पोलिंग कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने और इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहतरीन है. यह सब्जी 5 तरह की वनस्पति है जो अलग-अलग पेड़ पौधों से प्राप्त होती है इसमें कैर सांगरी कुमटी बबूल फली गुंदा व कमलगट्टा और साबुत लाल मिर्च शामिल कर बनाई जाती है.
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