Baran Farmers: राजस्थान (Rajasthan) के बारां (Baran) में पिछले दिनों हुई तेज बारिश से खेतों में कटी सोयाबीन (Soybean), उड़द और धान की फसलों में नुकसान से किसान बेहाल हैं. लगातार तीन सालों से किसानों पर कुदरत की मार पड़ रही है. बीमा कपंनी भी मुठिया बांधकर किसानों को क्लेम के लिए तरसा रही हैं. मजबूर किसान सोयाबीन की फसल की कटाई का भी खर्च नहीं मिलने से थ्रेसिंग कर उसे आग के हवाले कर रहे हैं. ऐसे में व्यापारियों से लिए गए पैसे और बैंकों के केसीसी कर्ज से किसान परेशान हैं. यही वजह है कि कर्ज चुकाने को लेकर जिले के किसान दुखी हैं.
साथ ही बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी-विवाह तक के लिए भी चिंता बनी हुई है. किसान सरकार और फसल बीमा कंपनी से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. दूसरी और लहसुन को लेकर भी किसान परेशान हैं. पिछले 2 साल से भाव बढ़ने की उम्मीद में किसानों ने लहसुन का स्टॉक कर रखा है, लेकिन भाव नहीं मिलने के चलते कई किसान लहसुन को भी नदियों में फेंकने को मजबूर हैं. गोगचा के किसान राम किशन नागर ने बताया कि उसने महंगा बीज खरीदकर 10 बीघा में सोयाबीन की फसल की बुआई की थी, लेकिन महंगे खर्च के साथ तैयार की गई फसलों की कटाई के बाद बरसात ने सपनों पर पानी फेर दिया.
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सरकार से मुआवजे की उम्मीद में किसान
उन्होंने कहा कि इस बर्बाद फसल से खर्चा निकालना मुश्किल था, ऐसे में इसे आग के हवाले करना ही उचित समझा. किसान ने बताया कि उसने 15 हजार खर्च कर फसल कटवाई थी. इसके बाद 15 सौ रुपये, 500 रुपये प्रति मजदूर के हिसाब थ्रेसिंग शुरू की थी, लेकिन जिस तरह का नतीजा दिख रहा था, उससे तो मजदूरों का पैसा भी नहीं निकलता, ऐसे में कर्ज से दबा किसान परेशान है और सरकार से मुआवजे की उम्मीद लगा रहा है.