Rajasthan: झालावाड़ मेडिकल कॉलेज का कारनामा, बना प्रदेश का पहला नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर
Jhalawar News: एसआरजी हॉस्पिटल एंड झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 21 फरवरी 2024 को छत से गिरने के कारण घायल हुए 39 वर्षीय भूरिया को भर्ती कराया गया था. गहरी चोट के कारण भूरिया ब्रेन डेड हो चुके थे.
Jhalawar Brain Dead Patient: कोटा संभाग के झालावाड़ मेडिकल कॉलेज ने शनिवार (24 फरवरी) को इतिहास रच दिया और प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज बना जिसने अंगों को दूसरे सेंटर पर भेजा. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में एक ब्रेन डेड मरीज के ऑर्गन रिट्राइवल के लिए संवेदनशीलता के साथ प्रयास कर अंगदान महाभियान को आगे बढ़ाया गया. झालावाड़ मेडिकल कॉलेज को ऑर्गन एण्ड ट्श्यिू रिट्राइवल के लिए सर्टिफिकेट जारी करवाया.
साथ ही, ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की काउंसलिंग के बाद ऑर्गन रिट्राइवल की सहमति मिलते ही इस कार्य में सहयोग के लिए जयपुर एवं कोटा मेडिकल कॉलेज तथा जोधपुर एम्स से चिकित्सकों के दल रवाना करने के निर्देश दिए. जयपुर, कोटा एवं जोधपुर से गए चिकित्सा विशेषज्ञों के दलों ने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ अंगदान के इस कार्य को मूर्त रूप दिया. इसके साथ ही झालावाड़ मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन "रिट्राइवन" सेंटर बन गया है.
चिकित्सा मंत्री की पहल व ACS के प्रयासों से साकार हो रहा #अंगदान को बढ़ावा देने का संकल्प
— Medical & Health Deptt. Rajasthan (@nhm_rajasthan) February 25, 2024
अब झालावाड़ मेडि. कॉलेज बना नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्राइवल सेंटर
39 वर्षीय भूरिया ने 3 को दिया जीवनदान
3 टीमों ने किए ऑर्गन रिट्राइवल
SMS एवं जोधपुर एम्स में होगा प्रत्यारोपण pic.twitter.com/v8iNzeS4LO
किडनी एम्स जोधपुर व किडनी व लीवर एसएमएस जयपुर को मिले
ब्रेन डेड मरीज से किडनी, लिवर एवं कॉर्निया प्राप्त किए गए. इनमें से एक किडनी तथा लिवर सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर तथा एक किडनी एम्स जोधपुर को आवंटित की गई. इन अंगों को तत्काल प्रभाव से जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिए राजस्थान ट्रैफिक पुलिस की सहायता से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. चार एम्बुलेंस के माध्यम से इन अंगों को जयपुर एवं जोधपुर पहुंचाया गया.
तीन लोगों को जीवनदान दे गए 39 वर्षीय भूरिया
एसआरजी हॉस्पिटल एंड झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 21 फरवरी 2024 को छत से गिरने के कारण घायल हुए 39 वर्षीय भूरिया को भर्ती कराया गया था. गहरी चोट के कारण भूरिया ब्रेन डेड हो चुके थे. परिजनों से सहमति प्राप्त होते ही शनिवार को अवकाश के दिन ही झालावाड़ मेडिकल कॉलेज को अंग रिट्राइवल के लिए सर्टिफिकेट जारी किया गया.
तत्काल प्रभाव से जयपुर, जोधपुर एवं कोटा से चिकित्सकों के दल इस कार्य में सहयोग के लिए रवाना किए गए. ब्रेन डेड मरीज भूरिया की पत्नी संजू, माता एवं भाई के मानवता को समर्पित भावसे अंगदान की यह पहल मूर्त रूप लेने की दिशा में आगे बढ़ी और अपने जीवन के बाद भूरिया अपनी किडनियां एवं लीवर दान कर तीन लोगों को नया जीवन दे गए. झालावाड़ प्रदेश का पहला नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्रीवल सेंटर बना है, जहां पर ब्रेन डेड घोषित किए गए मरीज के परिवार की सहमति के बाद 3 अंगों को दूसरे शहर में प्रत्यारोपित किया जाएगा. यह प्रदेश का 58वां अंगदान है.
प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार
जैसे ही झालावाड़ से स्पेशल एंबुलेंस से शव गांव में पहुंचा, पुलिस जवानों ने दो मिनिट का मौन रख श्रद्धांजलि दी. राजस्व विभाग की ओर से कानूनगो गणेश राम चिरौलिया, चिकित्सा विभाग की ओर से डॉ. राजकुमार बाघेला ने मृतक के शव पर पुष्प व शॉल ओढ़ाकर श्रदांजलि दी. गमगीन माहौल में भूरिया का अंतिम संस्कार हुआ.
ये भी पढ़ें: Rajasthan: Rajasthan: ERCP धन्यवाद यात्रा में कांग्रेस पर बरसे CM भजनलाल शर्मा, 'योजनाओं को लटकाया, अटकाया और भटकाया'