First PNG Crematorium in Rajasthan: राजस्थान में पहला पीएनजी शवदाह गृह कोटा में शुरू होने जा रहा है. लावारिस शव व अन्य शवों का यहां अंतिम संस्कार किया जा सकेगा. कोटा में इलेक्ट्रिक शवदाह गृह के बाद अब पीएनजी शवदाह गृह आरके पुरम स्थित मुक्तिधाम में संचालित होगा. पीएनजी गैस से चलने वाले इस शवदाह गृह में पर्यावरण का ध्यान रखा गया है. मातेश्वरी सेवा संस्थान और नगर निगम की ओर से इसे स्थापित किया गया है. 


15 अगस्त से होगी शुरुआत
अंतिम संस्कार के दौरान लगने वाले समय, जगह की कमी, प्रदूषण और पर्यावरण सुरक्षा को देखते हुए यह शवदाह गृह स्थापित किया गया है, जिसमें बिल्डिंग नगर निगम ने बनाई है और मशीनरी मातेश्वरी सेवा संस्था ने लगाई है. इसका संचालन की संस्था की तरफ से ही किया जाएगा. संस्थान के निदेशक गोविंदराम मित्तल ने बताया कि कोरोना काल में शवों के अंतिम संस्कार की जो परेशानी आई थी उसे देखते हुए नगर निगम के समक्ष प्रस्ताव रखा था. जिसे स्वीकृति मिलने के बाद इसका संचालन 15 अगस्त से शुरू किया जा रहा है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल इसका उद्घाटन करेंगे.


100 फीट उंची बनाई है चिमनी
गोविंद राम मित्तल ने बताया कि अंतिम संस्कार के समय निकलने वाले धुएं से प्रदूषण न फैले इसके लिए धुआ निकलने के लिए जो चिमनी बनाई गई है वह 100 फीट ऊंची बनाई गई है. साथ ही इसमें स्क्रबर लगाए गए हैं ताकि धुएं से निकलने वाली गैसों को पानी के जरिए ही खत्म किया जा सके. उन्होंने बताया कि मशीन की लागत करीब 30 लाख है. यहां कपाल क्रिया तक की व्यवस्था है. शवदाह गृह में अंतिम संस्कार में 2 घंटे का समय लगेगा. अस्थियों के संग्रह के लिए लॉकर की भी व्यवस्था दी गई है.


पशुओं के अंतिम संस्कार का भी प्रस्ताव 
पशुओं के अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी केवल कोटा में ही की जाएगी. इसकी भी पूरी तैयारी की हुई है. गोविंदा मित्तल ने बताया कि आरके पुरम मुक्तिधाम में ही पशुओं के अंतिम संस्कार के लिए भी व्यवस्था की गई है. इसके लिए नगर निगम में प्रस्ताव दिया गया है, जैसे ही नगर निगम से इसकी अनुमति मिल जाएगी पशुओं का अंतिम संस्कार भी किया जा सकेगा. अगर ऐसा होता है तो यह राजस्थान में पहला शवदाह गृह होगा, जहां पशुओं का अंतिम संस्कार होगा. उन्होंने बता दिया कि लावारिस फेंक देने से मृत पशुओं की वजह से पर्यावरण प्रदूषण होता है और गंदगी फैलती है.


इसके लिए निगम में प्रस्ताव दिया हुआ है. इसकी लागत भी 30 लाख रुपए आ जाएगी, यहां प्रतिदिन 20 पशुओं का अंतिम संस्कार किया जाएगा, 130 किलो से 200 किलो तक वजन के पशुओं का इसमें अंतिम संस्कार किया जा सकेगा.


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