Kota News: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कोटा में हुई प्रदेश के पहले पीएनजी शवदाह गृह की शुरुआत, मंत्री शांति धारीवाल ने किया लोकार्पण
संस्था द्वारा पहले मानव जनित शवदाह गृह शुरू किया गया है. संस्था अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने बताया कि जल्द ही शहर में जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए भी शवदाह गृह शुरू किया जाएगा.
Rajasthan News: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजस्थान का पहला गैस आधारित शवदाह गृह की शुरुआत की गई. नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने आर के पुरम मुक्तिधाम में इसका लोकार्पण किया. प्रदूषण मुक्त इस शवदाहगृह का नाम अमरलोक धाम रखा गया है. कोटा की मातेश्वरी सेवा संस्थान इस शवदाहगृह को कोटा नगर निगम एवं यूआईटी के सहयोग से संचालित करेगी.
लोकार्पण के मौके पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने नगर निगम व यूआईटी के अधिकारियों को परिसर में सौंदर्यीकरण व अन्य सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए. साथ ही मातेश्वरी सेवा संस्थान के संरक्षक गोविंद राम मित्तल व अन्य पदाधिकारियों द्वारा की गई इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदूषण मुक्त शवदाहगृह राजस्थान के अन्य जिलों के लिए मॉडल बनेगा.
पीएनजी के साथ एलपीजी गैस की भी रहेगी व्यवस्था
पीएनजी गैस आधारित इस शवदाहगृह का निर्माण विभिन्न समाजसेवियों की मदद से 30 लाख रुपये में हुआ है. शवदाहगृह गृह के संचालन के लिए पीएनजी के साथ-साथ एलपीजी की भी व्यवस्था की गई है. साथ ही जनरेटर भी संचालन के लिए उपलब्ध रहेगा, यही नहीं अंतिम संस्कार के वक्त मंत्रोच्चारण के साथ अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था विकसित की गई है.
कपाल क्रिया के लिए अलग से व्यवस्था
कपाल क्रिया के लिए भी शवदाहगृह में अलग से व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही अस्थियों को रखने के लिए भी लॉकर बनाए गए हैं. प्रदूषण मुक्त संचालन के लिए 100 फीट ऊंचाई की चिमनी भी लगाई गई है. मंत्री धारीवाल ने जानकारी ली और कहा कि यह राजस्थान का पहला गैस आधारित शवदाहगृह होगा जिसका संचालन समर्पित सदस्य सफलतापूर्वक करेंगे.
जनवरों के लिए भी किया जाएगा तैयार
संस्था द्वारा पहले मानव जनित शवदाह गृह शुरू किया गया है. संस्था अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने बताया कि शीघ्र ही शहर में जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए भी शवदाह गृह शुरू किया जाएगा. पूरा कार्य पूर्ण हो चुका है, केवल एनओसी का इंतजार है, ऐसे में कुछ ही समय में कोटा में जानवरों के लिए भी ये व्यवस्था की जाएगी, ताकी प्रदूषण नहीं हो और उन्हें भी सम्मान के साथ यहां लाकर अंतिम संस्कार किया जा सके.
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