Rajasthan Food Department: राजस्थान में उचित मूल्य से मिलने वाले राशन को लेकर कई गड़बड़ियां सामने आती रही हैं. प्रदेश खाद्य विभाग राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए खाद्य विभाग एक और नया जतन करने जा रहा है. विभाग समय पर निर्धारित राशन वितरण के प्रति अब सख्त हो गया है. उपभोक्ताओं को कम राशन देने, नहीं देने और सामग्री कथित रूप से ऊपर से नहीं आने की बात कहते हुए उपभोक्ताओं को टालने जैसी लगातार शिकायतें बढ़ने को लेकर राज्य खाद्य विभाग सतर्क हो गया है और एक नया फरमान जारी कर दिया है. इस नए फरमान के अनुसार हर महीने राशन वितरण के दौरान खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा उपभोक्ताओं को फोन कर राशन मिलने की जानकारी ली जाएगी और पूछा जाएगा कि आप को राशन मिला या नहीं.


यदि कोई उपभोक्ता मना कर देगा तो उसकी जांच कर उसे राशन दिया जाएगा. उचित मूल्य की दुकान धारक को इस संबंध में नोटिस भी दिया जाएगा. बार-बार शिकायत मिलने की दिशा में विभाग ने चेताया है कि उसका पत्र अधिकार ही निलंबित कर दिया जाएगा. पूरे प्रदेश भर में साढ़े 4 करोड़ उपभोक्ता राशन ले रहे हैं जिनकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं.


खाद्य शासन सचिव ने दिखाई सख्ती


राजस्थान खाद्य विभाग ने हर उपभोक्ता को पूरा राशन मिले इसको लेकर नया फरमान जारी किया है. खाद्य विभाग के शासन सचिव आशुतोष एटी पेडणेकर ने सभी जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जिले के फूड इंस्पेक्टर या ऑफिस में बैठे कर्मचारी अपने स्तर पर उपभोक्ताओं को फोन कर यह पूछेंगे कि उन्हें राशन मिला है या नहीं और कितना मिला है. घर में कितने सदस्य हैं या नहीं. यह तमाम जानकारी फोन पर ही संबंधित अधिकारी को रिपोर्ट में तैयार करनी होगी. जयपुर में हाल ही में ही खाद्य विभाग के सरकारी सचिव पेडनेकर ने बैठक ली थी.


उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिलने का मुद्दा बैठक में छाया रहा था. जयपुर स्तर पर उपभोक्ता लगातार शिकायत कर रहे थे जिस पर बैठक में सरकारी सचिव ने किसी एक उपभोक्ताओं को फोन लगा कर राशन के बारे में पूछा तो उसने राशन नहीं मिलने की बात कही. जिस पर बैठक में मौजूद सभी जिले के रसद अधिकारियों को सख्ती से राशन देने के निर्देश दिए गए हैं. बैठक में निर्देश मिलने के बाद जिले के सभी रसद अधिकारी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर की व्यवस्था करने में जुट गए हैं.


क्योंकि राशन डीलर के अलावा कार्यालय में उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर नहीं है. साथ ही कर्मचारियों की कमी के चलते अब विभाग के अधिकारियों का काम और भी बढ़ गया है. हालांकि इस व्यवस्था को लागू करने पर राशन की गड़बड़ियों में अंकुश लगेगा.


हर महीने जयपुर मुख्यालय पर भेजनी होगी रिपोर्ट


एबीपी न्यूज से बात करते हुए रसद अधिकारी शिवजी लाल जाट ने बताया कि हर महीने जयपुर मुख्यालय पर उपभोक्ताओं की बातचीत की जानकारी रिपोर्ट बनाकर भेजनी होगी. रिपोर्ट में 10 प्रकार के कॉलम बनाए गए हैं जिसका एक परफॉर्मा तैयार कर राजस्थान के सभी रसद विभाग के अधिकारियों को भेजा गया है. जिसमें उपभोक्ता का नाम, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर, संबंधित उचित मूल्य की दुकान का नाम, पोस मशीन नंबर, ग्राम पंचायत, सत्यापन में पूर्ण व खाद्यान्न प्राप्त होना पाया गया या नहीं, नहीं तो खाद्यान्न बाबत उपभोक्ता ने क्या जानकारी दी. इस प्रकार के कॉलम दिए गए हैं जिससे भरना होगा. प्राप्त जानकारी पर रसद विभाग ने क्या कार्रवाई की जैसी टिप्पणी कॉलम में भरे जाएंगे.


साढ़े चार करोड़ उपभोक्ताओं का मिलता है राशन


राजस्थान में साढ़े 4 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को राशन दिया जाता है. हर महीने उपभोक्ताओं को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 5 किलो, प्रधानमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 5 किलो कुल मिलाकर कर उपभोक्ताओं को 10 किलो राशन दिया जाता है. आमतौर पर शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता हर माह की 1 तारीख से लेकर 10 तारीख के बीच प्रति 10 किलो राशन उठा लेते हैं. जबकि ग्रामीण इलाके में 10 तारीख से 30 तारीख के बीच राशन उठाते हैं. अधिकतर शिकायत ग्रामीण क्षेत्र से सामने आती है. 


विभाग के अधिकारी जुटा रहे हैं नंबर


इस आदेश के बाद विभाग के अधिकारी संबंधित राशन डीलरों से संपर्क कर रहे हैं और वहां के लोगों के मोबाइल नंबर ले रहे हैं. रसद अधिकारी शिवजी लाल जाट ने बताया कि नंबर लेने के बाद ऑफिस से कॉल किया जा रहा है जिसमें 10 कॉलम बनाए गए हैं उन्हें पूरा करने का काम किया जा रहा है. हम हर राशन डीलर से लिस्ट लेकर कॉल कर रहे है और राशन की दुकानों पर हमारे नंबर चस्पा कर रहे है ताकि उपभोक्ता हमें शिकायत कर सके और हम उसे राशन दिला सके.


अधिकारी ने आगे बताया कि अभी तक हमारे पास पोस मशीन में फिंगरप्रिंट मैच नहीं करने, राशन की दुकान समय पर नहीं खुलने की शिकायत मिली है. इन शिकायतों को हमने नोट कर लिया है रिपोर्ट में भिजवाया जाएगा. उन्होंने संबंधित राशन डीलरों को कहा कि शिकायत मिलने पर पहले नोटिस दिया जाएगा. उसके बाद लगातार शिकायत मिलने पर लापरवाही का कारण बताते हुए पत्र अधिकार निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी.


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