Forest Guard Exam: राजस्थान में पेपर लीक की वजह से 12 और 13 नवंबर को हुई वन रक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया. इसको लेकर पुलिस भी अपनी जांच कर रही है जिसमें पुलिस के हाथों पेपर लीक का सरगना मिल गया. पुलिस उसके कोचिंग क्लास पहुंची और उससे पूछताछ भी की. यह भी सामने आया है कि इस मामले में मात्र आधे घंटे में 30 से ज्यादा अभ्यर्थियों के पास यह पेपर पहुंच गया था जिसकी श्रृंखला पर भी पुलिस काम कर रही है. 


कौन है कोचिंग क्लास संचालक


पुलिस ने मामले को दो स्तर पर डिवाइड किया है. एक तो निचले स्तर के अपराधियों की श्रृंखला और दूसरा इसका सोर्स. निचली श्रृंखला के करीब 11 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं सोर्स के रूप में एक कोचिंग संचालक का नाम सामने आया. यह कोचिंग सेंटर जयपुर में चलता है और इस पेपर लीक में निचली श्रृंखला का सोर्स यहीं है. जिसके पास कोचिंग संचालक द्वारा मैसेज आया उसी आरोपी ने पुलिस को नाम बताया है. पुलिस उस कोचिंग का नाम अभी नहीं बता रही है क्योंकि जब तक आरोपी द्वारा बताए नाम वेरिफाई नहीं हो जाता तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है. 


ऐसे बनी 30 से ज्यादा युवकों की चैन


राजसमन्द जिले के दीपक जो बिजली निगम में कार्यरत हैं पुलिस ने उसको दबोचा था जिसके पास पेपर के आंसर की आ गई थी. पुलिस ने जब इससे पूछताछ की तो उसने गंगापुर सिटी के रहने वाले पवन का नाम लिया. पवन के पास किसी युवक नहीं बल्कि कोचिंग संचालक से ही पेपर आया था. पुलिस ने दीपक का मोबाइल टटोला तो दीपक उसी के गांव के रहने वाले जितेंद्र और दौसा जिले के हेमराज मीणा को आंसर की दिया. हेमराज ने यह आंसर की साबरमल, गिरिराज, राकेश नामक युवक को भेजा था और इन तीनों ने अन्य को. अब तक ऐसे ही 30 से ज्यादा युवकों की चेन बन चुकी है जहां तक पुलिस पहुंची. पेपर इससे भी आगे जा चुकी थी इसकी पूरी संभावना है. परीक्षा के एक घंटे पहले पेपर आया था और परीक्षा में 9 बजे एंट्री थी. इसका मतलब पेपर लेकर पढ़ने के लिए आधा घंटा ही था.


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