Jodhpur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले नेता अपने क्षेत्र के मतदाताओं के बीच पहुंचकर अपना रिपोर्ट कार्ड बता रहे हैं. ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा अपना रिपोर्ट कार्ड बताने के लिए अपने क्षेत्र वासियों के पास पहुंचीं जहां दिव्या मदेरणा ने किसानों से जीएसएस में अंगुली डालकर बिजली चोरी करने की खुली छूट दे डाली. इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है कि एक जनप्रतिनिधि इस तरह बिजली चोरी करने का कैसे बता सकती हैं.


वीडियो वायरल होने के बाद ओसियां के पूर्व बीजेपी विधायक भैराराम सियोल ने एबीपी लाइव से बात करते हुए दिव्या मदेरणा के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए जोरदार हमला बोल दिया.


ओसियां से बीजेपी के पूर्व विधायक भैराराम सियोल ने तंज कसते हुए, विधायक मदेरणा राजस्थान की गहलोत सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी कार्यशैली को लेकर भी कई सवाल उठाए हैं. ओसियां की वर्तमान विधायक पर स्थानीय किसानों के मुद्दे को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया है.  4 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद क्षेत्र व किसानों के लिए कुछ नहीं कर पाने पर किसानों को खुश करने के लिए इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.
 
'दिया गया बयान अशोभनीय'


प्रदेश उपाध्यक्ष बीजेपी किसान मोर्चा व पूर्व विधायक ओसियां भैराराम सियोल ने बताया कि ओसियां से कांग्रेस विधायक द्वारा सस्ती लोकप्रियता बटोरने के चक्कर में मजाकिया अंदाज में सार्वजनिक सभा में किसानों को चोरी करने के लिए दिया गया बयान अशोभनीय है. चुनाव नजदीक आते देख आमजन को रिझाने के लिए ये लोग कई प्रकार के ऐसे हथकंडे अपनाएंगे. क्षेत्र की समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर ऐसा बयान दे रहे हैं.


किसान कर्ज में डूब जाने के बाद भी मेहनत व ईमानदारी के रास्ता नहीं छोड़ता. किसान ना तो खुद चोरी करता है और ना ही किसी को करने देता है. संघर्ष की राह पर चलकर देश के लिए अनाज का उत्पादन करता है. 


'ऐसे बयान परेशानी पैदा करने वाले है'


किसान खुद्दारी से कभी भी समझौता नहीं करता, उनके बारे में ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान देना हताशा भरा है. हो सकता है इनके खुद के आवासों के बिजली के बिल बकाया रह सकते हैं, लेकिन किसान बिजली का बिल समय पर भरता है. नहीं तो विभाग उनका कनेक्शन भी काट देता है. बिजली विभाग के अधिकारी तो शुरू से ही चोरी के नाम पर विजिलेंस करके परेशान करते आए हैं. ऐसे बयानों से विभाग के हौसले बुलंद व किसानों के लिए परेशानी पैदा करने वाले है. चुनाव नजदीक आते देख अब इनको किसानों की चिंता सताने लगी है.


कर्ज में डूबे करीब दस किसानों ने आत्महत्या की


जब ओसियां क्षेत्र के किसान विद्युत विभाग की विजिलेंस कार्रवाई से प्रताड़ित होकर विभिन्न मांगों को बैनर तले पूरे ओसियां क्षेत्र में 23 अगस्त 2020 को संपूर्ण लॉकडाउन रखकर राज्य सरकार के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद माणकलाव बाईपास पर उग्र आंदोलन भी हुआ. तब तो सुध तक नहीं ली और ना ही सरकार के समक्ष खुलकर पैरोकारी की.


इतना ही नहीं किसान आंदोलन में युवा के जान गंवाने के बावजूद किसान परिवार को सांत्वना तक दे नहीं पाए. कर्ज माफी नहीं होने के चक्कर में ओसियां क्षेत्र के कर्ज में डूबे करीब दस किसानों ने आत्महत्या की. इसके बावजूद इनके लिए सरकारी सहायता व मदद तो दूर की बात संवेदना तक प्रकट नहीं कर पाए. 


'युवाओं की पैरोकारी के लिए फुर्सत तक नहीं'


प्रदेश उपाध्यक्ष बीजेपी किसान मोर्चा व पूर्व विधायक ओसियां भैराराम सियोल ने बताया की एक तरफ खुद के पीएचईडी ठेकेदारों को टेंडर दिलाने के लिए खुलकर लंबी लड़ाई लड रहे हैं. वे ही लाभान्वित ठेकेदार टेंडर खुलने पर माननीया को सार्वजनिक रूप से हार्दिक आभार प्रकट कर खुद के द्वारा जारी ईमानदारी के सर्टिफिकेट को रिनुअल भी कर रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ क्षेत्र के किसान व युवाओं की पैरोकारी के लिए फुर्सत तक नहीं है. इनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठना लाजमी है.


'जनता अब उनके बहकावे मे नहीं आने वाली'


ओसियां भैराराम सियोल ने कहा कि  उनकी कथनी और करनी में जनता को फर्क साफ नजर आता है. पिछले 5 सालों में क्षेत्र से नदारद रहे और अब सियासी जमीन को खिसकती देखकर घर-घर घूम रहे हैं. जबकि इससे पहले घर पर होते हुए भी आमजन से मिलने से कतराते थे. क्षेत्रवासी इनके व्यवहार से भली भांति वाकिफ़ हो चुके है. क्षेत्र की जनता अब इनके बहकावे मे नहीं आने वाली है. कांग्रेस के लोग अफवाहें फैलाकर साजिश और षड्यंत्र रचकर सत्ता प्राप्ति करना चाहते हैं. जनता इनके मंसूबो को कभी कामयाब नहीं होने देगी.


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