Vasundhara Raje Bikaner Visit: राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन की सोच लिए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सक्रिय हो गईं हैं. देव दर्शन के लिए धार्मिक यात्राओं के बहाने पूरे प्रदेश के दौरे कर रही हैं. बांसवाड़ा के बाद अब राजे बीकानेर पहुंचीं. यहां करणी माता मंदिर में करीब आधा घंटे तक विशेष पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके पुत्र दुष्यंत सिंह भी साथ थे. हालांकि, राजे शुरू से ही आस्थावान रही हैं. वे देश के बडे़ मंदिरों में अक्सर जाया करती हैं. लेकिन इस बार हो रही धार्मिक यात्राओं को सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है. इसकी मुख्य वजह राजे का जनता के बीच शक्ति प्रदर्शन करना माना रहा है. वे जहां भी जा रही हैं वहां बड़ी संख्या में उनके समर्थकों की भीड़ उमड़ रही है.


राजे बोलीं- 'जनता ही मेरा परिवार'
बीकानेर में जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजे बोलीं, "मैंने जनता को हमेशा परिवार मानकर प्यार किया है. जनता की सेवा करने का मैंने पूरा प्रयास किया है. सेवा में कभी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. मेरा सौभाग्य है कि मुझे ऐसा मजबूत परिवार मिला, जिन्होंने मुझे ऐसा आशीर्वाद दिया जिससे 20-25 साल आसानी से निकल गए. जनता के आशीर्वाद की कभी कमी नहीं रही." माना जा रहा है कि इस संबोधन में पार्टी नेताओं के लिए संदेश छुपा है कि उन्हें प्रदेश की जनता का समर्थन है और इसी समर्थन के बल पर सत्ता परिवर्तन में कामयाब होंगी.


गहलोत सरकार पर साधा निशाना
बीकानेर दौरे पर आईं राजे ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "कुशासन भरे पिछले चार साल सभी के लिए पीड़ा भरे रहे हैं. गहलोत जी को सभी ने राजस्थान की कमाल सौंपी थी लेकिन उन्होंने जनता के साथ विश्वासघात किया है. जनता की कोई बात नहीं सुनी जा रही है. जनता के काम नहीं हो रहे. जनता के वोट से सत्ता में आई सरकार जनता के काम करने और प्रदेश का विकास करने की बजाय अपनी कुर्सी बचाने में लगी है."


वहीं वसुंधरा राजे ने बीकानेर में संकेत दिया कि उनकी सियासी मनोकामना पूरी हो गई है. उन्होंने कहा, "करणी माता मंदिर में जो भक्त आस्था के साथ पूजा, प्रणाम, दर्शन करता है और उस पर माई कृपा करती है तो आशीर्वाद के रूप में सफेद चूहा दिखा देती है." महाराजा गंगासिंह का जिक्र करते हुए राजे बोलीं, "महाराजा गंगासिंह जी हमेशा उस चूहे का दर्शन करके अपने काम के ऊपर मुहर लगाकर ही यहां से जाते थे. माई को मनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. इतनी आसानी से माई नहीं मानती है."


'मेहनत से मिलती है सफलता'
राजे ने अपने संबोधन में विरोधियों को संदेश दिया कि सफलता पाने के लिए मेहनत करना जरूरी है. उन्होंने कहा, "मेरी जिंदगी में कोई भी काम आसानी से नहीं हुआ. कोई ग्रह देखकर या हाथ देखकर कहता है कि आपका काम हो जाएगा, लेकिन मेरा काम नहीं हुआ. हर चीज के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है. आज मुझे सफेद चूहा देखने के लिए भी बड़ी मेहनत करनी पड़ी. अब मुझे पूरा विश्वास है कि माई ने सफलता का आशीर्वाद दिया है."


राजे चुनाव से पहले करती हैं यात्राएं
विधानसभा चुनाव से पहले जनता की नब्ज टटोलने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए वसुंधरा राजे यात्राएं करती हैं. वर्ष 2003 में पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं. उससे पहले पूरे प्रदेश में घूमकर परिवर्तन यात्रा निकाली थी. 2013 में मुख्यमंत्री बनीं तब भी चुनाव से पहले प्रदेश में सुराज संकल्प यात्रा निकाली थी. इसके बाद वर्ष 2018 में प्रदेश के सभी संभाग में राजस्थान गौरव यात्रा का आयोजन किया. हालांकि, उस वक्त संगठन में ही विरोध होने से भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई थी. अब 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजे देव दर्शन यात्रा कर रही है.


कई सांसद-विधायक रहे साथ
कथित तौर पर बीकानेर में राजे का व्यक्तिगत दौरा था लेकिन इस दौरान भाजपा के कई सांसद-विधायक उनके साथ दिखाई दिए. राजे के साथ उनके पुत्र झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह,  श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद मेघवाल, चूरू के पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा, सांसद राहुल कस्वां, बाड़मेर के पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम, राज्यसभा के पूर्व सदस्य रामनारायण डूडी, पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, बीकानेर विधायक सिद्धी कुमारी, विधायक और पूर्व मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत, प्रतापसिंह सिंघवी, बिहारी लाल विश्नोई, पूर्व संसदीय सचिव विश्वनाथ मेघवाल जैसे कई नेता मौजूद रहे. पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, कालीचरण सराफ, यूनुस खान, देवीसिंह भाटी ने बीकानेर दौरे की कमान संभाल रखी थी.


नवरात्रि में भी किए थे देव दर्शन
धर्म के प्रति समर्पित राजे की मां के प्रति अटूट आस्था है. कुछ दिन पहले भी शारदीय नवरात्रि में राजे ने कई देवियों के दर्शन किए. 30 सितंबर को बांसवाड़ा में शक्तिपीठ मां त्रिपुरा सुंदरी, एक अक्टूबर को गुजरात के प्रसिद्ध अम्बा माता मंदिर और जालोर के प्रसिद्ध सुंधा माता मन्दिर में दर्शन कर मनोकामना की. 26 सितंबर को नवरात्रि शुरू होने पर जयपुर में गोविंद देवजी का दर्शन करने पहुंची थी.


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