सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो अपने कोडिंग के तहत कई सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम बनाते हैं, यह होता है इंजीनियरिंग के बाद. लेकिन उदयपुर में एक कार्यक्रम शुरू हुआ है जिसमें राजस्थान के 14 जिलों युवतियों को 12वीं पास करते ही कोडिंग सिखाई जाएगी. बड़ी बात यह है की यह सब निशुल्क होगा. कार्यक्रम गांवो, कस्बों की 12वीं ही नहीं 10वीं कक्षा पास करने वाली छात्राओं को भी बी.टेक (कंप्यूटर विज्ञान) डिग्री के बराबर कोडिंग का कौशल विकसित किया जाएगा. जानते है क्या है कार्यक्रम और किसने शुरू किया. 

 

इन जिलों के गांवों की होगी छात्राएं

दरअसल उदयपुर के कई वर्षों पुराने विद्याभवन और नव गुरुकुल की तरफ से यह अनूठा कार्यक्रम शुरू किया है. इसका नाम है अभिलाषा, जिसमें गांव की बच्चियों को कोडिंग कौशल सिखाया जाएगा. इसमें राजस्थान के अलवर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, ब्यावर, जयपुर, उदयपुर, अजमेर, राजसमंद, जालोर, करौली, बीकानेर, कोटा, टोंक, नागौर जिलों के 86 कस्बों गावों की 100 लड़कियां इस प्रशिक्षण के लिए विद्या भवन में आई है. अधिकांश लड़किया वंचित पृष्ठभूमि से हैं, जिन तक शैक्षणिक सुविधाओं की पहुंच व अवसर  बेहद सीमित है. अधिकांश छात्राएं पहली पीढ़ी की शिक्षार्थी हैं और कई तो अपने परिवार में 12वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी करने वाले पहली सदस्य हैं.

15 माह का होगा प्रशिक्षण शिविर

नव गुरुकुल की सीईओ निधि अनारकट ने बताया कि दूर दराज के गांवों कस्बों की मुख्यतया सरकारी विद्यालयों से पढ़ी ये बेटियां कोडिंग प्रशिक्षण पश्चात  सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, एनालिटिक्स जैसी महत्वाकांक्षी नौकरियों तक पहुंच सकेगी.

यह प्रशिक्षण 15 महीने का होगा जो कि पूर्णतया निःशुल्क अभिलाषा आवासीय कार्यक्रम इन बेटियों  को उन समस्त आवश्यक हुनर, आत्मविश्वास, व्यावहारिक अनुभव, ज्ञान से लैस करेगा जो वास्तविक जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी है. यह कार्यक्रम तेजी से बढ़ते करियर पथ के साथ प्रति माह 20 से 40 हजार रुपये तक के प्रारंभिक  रोजगार की गारंटी देता है.

  

ऐसे चलेगा प्रशिक्षण शिविर

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के पाठ्यक्रम को 3 बूट कैंप और 19 माइल स्टोन में विभाजित किया गया है. फाउंडेशन बूट कैंप में 5 माइल स्टोन होंगे जिनमें छात्राएं सीखने की आदतें और दृष्टिकोण, संचार कौशल, संक्रियात्मक सोच और बुनियादी गणितीय कौशल में प्रशिक्षित होगी. कोडिंग बूट कैंप में 10 माइल स्टोन होंगे और इसमें व्यावहारिक अभ्यास और परियोजनाओं के माध्यम से कोडिंग सिखाना शामिल होगा.

 

तीसरे इंटर्नशिप बूट कैंप में जवाबदेही और व्यावसायिकता और जॉब सिमुलेशन शामिल है. यह एक अनोखा कोर्स है जहां न कोई शिक्षक होगा और न ही कोई परीक्षा. नव गुरुकुल द्वारा लॉन्च किया गया एक ओपन-सोर्स ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म मेराकी छात्राओं को शिक्षा की मेजबानी करेगा.

 

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