Rajasthan Politics: 'ये तानाशाही नहीं चलेगी...' वीरांगना का वीडियो साझा कर सीएम गहलोत से बोले गजेंद्र सिंह शेखावत
Rajasthan: राजस्थान में वीरांगनाओं से कथित तौर पर बदसलूकी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सीएम अशोक गहलोत में वार-पलटवार हो रहा है.
Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत मे होने है. वहीं राजधानी जयपुर में वीरांगनाओं के साथ पुलिस की बदसलूकी का मामला इस चुनावी साल में तूल पकड़ने लगा है. वीरांगनाओं ने कहा हमारे पति देश की रक्षा के लिए शहीद हुए. हमें भी गोली मार दीजिए. इस तरह से बदसलूकी मत कीजिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमारे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया है.
वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम अशोक गहलोत पर हमला बोल दिया. शेखावत ने कहा कि प्रदेश में इस तरह की तानाशाही नहीं चलेगी. देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान रोहिताश लांबा की वीरांगना मंजू जाट का मार्मिक अपील वाला वीडियो साझा कर गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा. शेखावत ने कहा "गहलोत जी, ये तानाशाही नहीं चलेगी."
पुलिस पर मारपीट का आरोप
शेखावत ने कहा कि मंजू जाट ने सीएम को लिखे पत्र में बताया है कि पुलिस ने उन्हें पीटा, कपड़े उतारे और आलपिन चुभाई. वहीं सीएम साहब जरूरी कदम उठाने के बजाय ट्विटर में वीरांगना को गलत ठहराने के बयान जारी कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सरकार को अपनी गलती मानते हुए वीरांगना का अनशन तुड़वाना चाहिए.
बता दें कि वीरांगना मंजू जाट पत्नी शहीद रोहिताश लाम्बा, मधुबाला पत्नी शहीद हेमराज मीणा और सुंदरी देवी पत्नी शहीद जीतराम गुर्जर जयपुर में विगत कई दिनों से धरना दे रही हैं. मुख्यमंत्री अब तक उनसे मिले नहीं हैं.
देवर के लिए सरकारी नौकरी की मांग
पुलवामा शहीदों की वीरांगना मंजू जाट और सुंदरी देवी देवर के लिए सरकारी नौकरी की मांग कर रही है. सरकार का तर्क हैं कि देवर को सरकारी नौकरी देने का नियम में प्रावधान नहीं है. शहीद हेमराज मीणा की पत्नी की मांग है कि सांगोद चौराहा पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए और स्कूल का नामकरण शहीद के नाम पर किया जाए.
मिला ये मुआवजा
इस मामले पर सरकार का रुख हमने पुलवामा शहीद की वीरांगनाओं को बराबर का पैकेज दिया है. इसमें 50 लाख (25 लाख नगद 25 बीघा जमीन अथवा हाउसिंग बोर्ड का एक मकान) शहीद के माता-पिता को 5 लाख की एफडी, जिससे उनकी मासिक आय होती रहे. शहीद की वीरांगना सरकारी नौकरी चाहे तो अपनी बेटा-बेटी के लिए सुरक्षित रख सकती हैं.
वहीं शहीद की याद को हमेशा ताजा रखने के लिए सरकारी स्कूल व अन्य किसी राज्य संस्थान का नाम उनके नाम से करने का प्रावधान है. सहित के माता-पिता वीरांगनाओं को राजस्थान रोडवेज में फ्री यात्रा के पास की सुविधा है. सरकार का कहना है कि शहीद के परिवार को यह पूरा पैकेज दे दिया गया.
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