Rajasthan News: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा के मामले को लेकर आज केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा गहलोत सरकार डरी हुई है. राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी में क्या है. लाल डायरी का रहस्य राजस्थान की जनता जानना चाहती है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "अशोक गहलोत सरकार के इस कालखंड में महिलाओं की सुरक्षा नहीं हो पाई है, ये विषय साहस के साथ विधानसभा के पटल पर रखा तो उन्हें (राजेंद्र गुढ़ा) को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया. आज राजेंद्र गुढ़ा विधानसभा में एक लाल डायरी लेकर पहुंचे थे, कल उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से ये बताया था कि मैं एक लाल डायरी लेकर आऊंगा और उस लाल डायरी के वहां पहुंचने पर सरकार धराशायी हो जाएगी. इस लाल डायरी का रहस्य पूरा राजस्थान जानना चाहता है. मैं अशोक गहलोत से पूछना चाहता हूं कि उस लाल डायरी का रहस्य क्या है और उस डायरी को लेकर सरकार और मुख्यमंत्री में इतनी घबराहट क्यों है."
'इनकम टैक्स की रेड में बरामद हुई थी लाल डायरी'
शेखावत ने आगे कहा, "जब 2020 में कांग्रेस में अंतर्कलह चरम पर था, पार्टी के कुछ विधायक पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम के साथ अपने आलाकमान से मिलने यहां दिल्ली के पास कहीं आकर डेरा लगाकर बैठे थे. उस समय सरकार के एक वरिष्ठ पदाधिकारी और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मंत्री पद का दर्जा प्राप्त व्यक्ति जो गहलोत साहब के राजदार भी हैं और खासदार भी हैं. उनके घर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा मारा था. उस छापेमारी को लेकर अखबारों में छपा था कि उस रेड में एक लाल रंग की डायरी और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज उस समय रिकवर किए गए थे."
'दाल में कुछ काला है'
पीसी के दौरान शेखावत ने आगे कहा, "राजस्थान पुलिस की मिली भगत से उस समय जो राजेंद्र गुढ़ा जो विधायक थे उन्होंने खुद कहा कि मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल है कि मैंने विश्वास किया. वो अपने साथियों के साथ जाकर आयकर विभाग के अधिकारियों से वो लाल डायरी लेकर आए और जैसा उन्होंने कहा कि उस डायरी में सीएम गहलोत के कई राज छिपे हैं. और आज जब राजेंद्र गुढ़ा उस डायरी को लेकर पहुंचे तो कांग्रेस के नेताओं में उस डायरी को छीनने और फाड़ने की होड़ मच गई. इससे पता चलता है कि दाल में कुछ काला है. आज राजस्थान की जनता ये जानना चाहती है कि लाल डायरी आपने वो डायरी आयकर विभाग से मंगवाई थी. राजस्थान की जनता ये जानना चाहती है कि गरीब जनता के पैसों से कौन-कौन गुलछर्रे उड़ा रहा था और कौन-कौन अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए उन पैसों का उपयोग कर रहा था."
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