Kota News: कर्मयोगी सेवा संस्थान (Karmayogi Seva Sansthan) और कोटा जिला प्रशासन (Kota District Administration) के संयोजन में आयोजित चार दिवसीय मकर संक्रांति महोत्सव के तहत, नयापुरा पुलिया के नीचे काली माता मंदिर (Kali Mata Mandir) के प्रांगण में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ये आयोजन शायद पहली बार किया गया जिसमें शहर के कचरा बीनने वाले, भीख मांगने वाले और कच्ची बस्तियों के गरीब परिवारों के बच्चों और उनके परिजनों ने रंगारंग प्रस्तिुतियों से समा बांध दिया. 


कोटा को भिक्षावृति से मुक्त करने का ये अनूठा प्रयास किया जा रहा है, जिसमें भीख मांगने वालों के जीवन स्तर में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है. इसी के तहत जिला प्रशासन जरिये ये कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं.




दर्शकों ने कलाकारों का कुछ ऐसे बढ़ाया उत्साह
इस कार्यक्रम में प्रस्तुति विशेष तो थी ही, प्रस्तुति देने वाले कलाकार भी विशेष थे. कार्यक्रम में 50 वर्षीय दिव्यांग मनोहर ने बालीवुड गीत मैं शायर तो नहीं, मगर ए हंसी... गीत के जरिये दर्शकों को उत्साह से भर दिया है. इसके बाद 8 साल की उम्र से ही शहर में कचरा बीनकर गुजारा कर रहे 30 वर्षीय गणेश मराठा ने सारे शिकवे गिले भुला के कहो जो भी कहना है मुस्कुरा के कहो... गीत पर दर्शकों की जमकर दाद बटोरी. इन कलाकारों का उत्साह बढ़ाने के लिए दर्शकों ने तालियों के बजाने के साथ नगद पैसे भी दिये.


इस दौरान 45 से भी अधिक देशों में कार्यक्रम दे चुके अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार संजय कुमार और अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने कठपुतली के माध्यम से गणेश वंदना की. अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार पूनम काबरा, भावना राव, कोमल राजपूत ने राजस्थानी गीत प्रस्तुत कर बच्चों का मनोरंजन किया.


डांस में भी पीछे नहीं रहे मांगकर खाने वाले
लता मंगेशकर और किशोर कुमार की आवाज में गाने वाले गायक कलाकार किशन मुद्गल ने अपने गीत प्रस्तुत किये तो दर्शक खुशी से झूम उठे. कचरा और भीख मांगकर गुजारा करने वाले कुछ लोगों ने दर्शकों के सामने अपने डांस का हुनर दिखाया. कार्यक्रम के बाद सभी प्रतिभागियों को ईनाम देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया, इस दौरान 121 गरीब महिलाओं को साड़ी भी बांटी गई.


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