Rajasthan News: कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उदयपुर (Udaipur) शहर विधानसभा से प्रत्याशी रहे गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh) उदयपुर में लंबे समय से दिखाई नहीं दिए. गौरव उदयपुर में कांग्रेस द्वारा जिला मुख्यालय पर आयकर विभाग के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन में भी नहीं दिखे, लेकिन अब उन्होंने एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने छह लाख लोगों के पीने के पानी की समस्या को लेकर भारतीय जनता पार्टी से सवाल किया है साथ आरोप भी लगाए हैं.
गौरव वल्लभ ने बीजेपी पर उदयपुर की शान झीलों को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि 'उदयपुर झीलों का शहर हैं और यहां की झीलें पेयजल से भरी हुई हैं, लेकिन शहर के 6 लाख लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. इस नाकारा पेयजल सप्लाई सिस्टम से शहरवासी तो परेशान हैं ही साथ-साथ उदयपुर की छवि भी देश-दुनिया में खराब हो रही है.'
'उदयपुर पेयजल सप्लाई को देश-दुनिया के लिए रोल मॉडल होना चाहिए. उदयपुर का सदियों पुराना जल संग्रहण का यह सिस्टम आज भी लाखों लोगों की प्यास बुझाने में सक्षम है. पर 20 साल से जनता को गुमराह कर वोट बटोरने की दूरदर्शी सोच वाले बीजेपी नेता पेयजल सप्लाई सिस्टम को दूरदर्शी बनाने में पता नहीं क्यों रुचि नहीं लेते हैं?'
24 घंटे पीने का पानी क्यों नहीं मिलता?
उन्होंने आगे कहा कि उदयपुरवासियों को 24 घंटे पेयजल सप्लाई की सुविधा का सिस्टम विकसित नहीं करने के जिम्मेदार 20 साल से शहर की सत्ता में काबिज बीजेपी नेता हैं. आज हालात यह हैं कि उदयपुर शहर की 5 लाख आबादी को रोज पीने का पानी तक सप्लाई नहीं होता है. पेयजल सप्लाई 48 घंटे में एक बार ही मिलता है.
वहीं एक लाख आबादी के स्मार्ट सिटी के वार्डों में 24 घंटे सप्लाई के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन वहां भी 24 घंटे में सिर्फ एक बार पेयजल सप्लाई होता है. जब हमारे पास पर्याप्त पेयजल उपलब्ध है और तमाम पेयजल को संरक्षित करने के लिए भविष्य में भी विकल्प मौजूद हैं, तो शहरवासियों को 24 घंटे पीने का पानी क्यों नहीं मिलना चाहिए?
उदयपुर में क्या है पेयजल सिस्टम?
उदयपुर में पेयजल की बात करें तो यहां शहर के बीच में स्थिति पिछोला और फतहसागर झील के पानी से शहरवासियों की प्यास बुझाई जाती है. बड़ी बात तो यह है कि जहां गर्मियों में हर जगह जलाशय सुख जाते है, वहीं उदयपुर की झील गर्मियों में भी भरी हुई रहती हैं. गौरव वल्लभ इसी को लेकर आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज करवा रहे हैं.