Barmer: प्रेमिका के घर वालों के डर से भागकर पहुंचा पाकिस्तान, 28 महीने बाद वैलेंटाइन डे पर लौटा भारत, पढ़ें पूरी कहानी
पाकिस्तान की जेल में बंद बाड़मेर का गेमरा राम मेघवाल जेल से रिहा होने के बाद 14 फरवरी को वाघा बॉर्डर सीमा से भारत में पहुंचा. गेमरा राम को 28 महीने पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद रिहाई मिली है.
Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदीय सीमा पर बसे रेतीले धोरों के बीच एक छोटे से गांव कुम्हारों का टिब्बा से मामला सामने आया है. इस गांव में कोरोना वायरस की महामारी के दौरान साल 2020 की गर्मियों के लॉकडाउन के दौरान एक दलित किशोर और उसकी पड़ोस में रहने वाली ब्राह्मण किशोरी के बीच प्यार पनपने लगा. चोरी छुपे एक दूसरे से मिलते और साथ जीवन जीने की कसमें खा रहे थे. लेकिन इस रिश्ते से उन्हके परिवार और गांव वाले किसी भी सूरत में सहमत नहीं थे.
इस बीच मेघवाल समाज का 17 साल का गेमराराम मेघवाल अपनी पड़ोसी किशोरी शालू (बदला हुआ नाम) के प्यार के सपने संझौ रहे थे. दोनों के प्यार के बीच समाज व जाति पर गांव के लोगों डर भी था. एक रात को गेमरा राम अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए रात के अंधेरे में उसके घर में चला गया उस दौरान किशोरी के परिजन जाग गए और उसे देख लिया ऐसा देखकर गेमरा राम भागने लगा डर के मारे भागते भागते वो भारत पाकिस्तान की सीमा को लांघ गया. पाकिस्तान के कराची जेल से गेमरा राम ने चार पत्र लिखे एक पत्र में अपने प्यार का जिक्र भी किया लेकिन गेमरा राम के परिवार जन किसी भी तरह के प्रेम प्रसंग से इंकार कर रहे हैं.
इन नेताओं ने की मदद
पाकिस्तान की जेल में बंद बाड़मेर का गेमरा राम मेघवाल जेल से रिहा होने के बाद 14 फरवरी को वाघा बॉर्डर सीमा से भारत में पहुंचा. गेमरा राम मेघवाल को 28 महीने पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद रिहाई मिली है. वहीं बेटे की इंतजार में 1 साल पहले पिता की भी मौत हो गई थी. पाकिस्तान की जेल से रिहा कराने के लिए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी पूर्व सांसद व सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह और आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने गेमरा राम की रिहाई के लिए पैरवी की थी.
28 महीने रहा पाकिस्तान की जेल में
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने 29 जनवरी 2023 को विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर को पत्र लिखकर गेमरा राम की रिहाई की मांग की थी. पत्र में लिखा पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास ने भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों को रिहा करने का अनुरोध किया था. गेमरा राम मेघवाल के परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए गेमरा राम मेघवाल को जल्द भारत लौटने की मांग की गई थी.करीब 28 महीने पाकिस्तान के कराची की जेल में रहने के बाद भारत की धरती पर लौट आया गया.
पिता का हुआ निधन
दरअसल, बाड़मेर के कुम्हारों का टिब्बा गांव का रहने वाला गेमरा राम मेघवाल अपने ही गांव की एक किशोरी के प्रेम प्रसंग में था. 4 नवंबर 2020 की रात वो अपनी प्रेमिका के घर गया था. इस बीच किशोरी के परिजन जाग गए. उसे देख लिया. डर के मारे गेमरा राम वहां से भाग खड़ा हुआ. गेमरा राम खुद नहीं जानता था कि वो कहां भाग रहा है. भारत-पाक सीमा पर लगे बेरिकेट को लांघ कर पाकिस्तान की सीमा में चला गया पाकिस्तान में अपने मेघवाल समाज के परिवार के यहां पर शरण ली लेकिन पाकिस्तानी रेंजरों ने उसे पकड़ लिया और कराची की जेल में बंद कर दिया. बेटे के गुमशुदगी के बाद पिता जुगतराम मेघवाल परेशान रहने लगे. नवंबर 2021 में पिता की मौत हो गई थी.
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