Rajasthan Mehandipur Balaji Temple: आज शुक्ल पक्ष की नवमी है के दिन राजस्थान (Rajasthan) के सालासर बालाजी मंदिर (Salasar Balaji Temple) और मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) में खास श्रंगार और चोला चढ़ाया जाता है. बालाजी को चोला चढ़ाने की मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मनोकामना मांगता है वो पूरी हो जाती है, तो चोला चढ़या जाता है. चोला चढ़ाने से बालाजी जी उस व्यक्ति के सारे संकट को हर लेते हैं, उनकी कृपा बनी रहती है, किसी तरह के संकट भी जीवन में नहीं आते हैं. बालाजी का चोला घी और सिंदूर से तैयार किया जाता है इसे खूबसूरत बनाने के लिए सोने (Gold) और चांदी (Silver) के वर्क का उपयोग किया जाता है. 


होता है 2 तरह का श्रृंगार
मेहंदीपुर बालाजी के सेवक हर्ष वार्सनिक कान्हा ने बताया कि प्रतिमा का 2 तरह के श्रृंगार कर चोला चढ़ाया जाता है. एक तो बाल स्वरूप है वहीं दूसरा सामान्य है. ये दोनों ही तरह के श्रंगार बालाजी को किए जाते हैं. शनिवार को मेहंदीपुर बालाजी में सोने का चोला चढ़ाया गया है, इसके खास दर्शन करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं. ये चोला मनोकामना पूरी होने पर बालाजी को चढ़ाते हैं, जिससे बालाजी की कृपा बनी रहती है. मेहंदीपुर बालाजी में बालाजी को चांदी और सोने का चोला चढ़ाया जाता है और इसको लेकर भक्तों की 3 साल तक की एडवांस बुकिंग रहती है. 


रोजाना होता है श्रृंगार
सालासर बालाजी के एक सेवक राजेंद्र ने बताया कि हनुमान जी को रोजाना श्रृंगार किया जाता है और खासतर से मंगलवार और शनिवार को चोला चढ़ाना शुभ माना जाता है. इसलिए इन दिनों में चोला चढ़ाया जाता है. सालासर बालाजी मंदिर में भक्तों का चोला चढ़ाने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं पूरी हैं. 




मिलती के कष्टों से मुक्ति 
महाबली हनुमान को भगवान शिव का अवतार माना गया है. शास्त्रों में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. इन्हीं में से एक है हनुमान जी को चोला चढ़ाने की मान्यता. चोला चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती, ढैया, दशा और अंतर्दशा से मुक्ति मिलती है साथ ही कुंडली में मंगल दोष से भी छुटकारा मिलता है. हनुमान जी को चोला चढ़ाने का शुभ दिन मंगलवार और शनिवार माना गया है. 


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