Rajasthan: सीएम आवास योजना में नहीं चलेगी बिल्डरों की मनमानी, राजस्थान सरकार ने उठाया बड़ा कदम
आवेदक की आयु आवेदन तिथि को 18 वर्ष पूरी होनी चाहिए. किसी संस्था/ कंपनी के नाम से भरा गया आवेदन पत्र स्वीकार नहीं होगा. आवेदक को राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिये.
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मुख्यमंत्री जन आवास योजना (Mukhyamantri Jan Awas Yojana) में अब बिल्डरों (Builders) की मनमानी नहीं चलेगी. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने आमजन के हित में बड़ा फैसला लेते हुए दो बड़े प्रावधानों को खत्म कर दिया है. साथ ही एक नए प्रावधान को योजना में जोड़ा गया है. सरकार ने योजना में बनाए गए आवासों की अधिकतम बिक्री दर 1850 प्रति वर्ग फीट निर्धारित कर दी है. भूखंड पर जी प्लस 3 (चार मंजिल) की बजाय अब जी प्लस 2 यानी तीन मंजिल का ही निर्माण किया जा सकेगा.
अभी ये आवास 2 हजार से 2800 वर्गफीट दर पर बिक रहे हैं. इमारत की ऊंचाई घटाने से फ्लैट की दर बढ़ने की आशंका पर सरकार ने योजना में बड़ा बदलाव किया है. दो पुराने प्रावधानों को खत्म कर सरकार ने बदलाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. कोई स्कीम किसी अच्छी या प्राइम लोकेशन पर है तो उस स्कीम के मकानों की कीमत निर्धारित से अधिक रखी जा सकेगी. लेकिन, विकासकर्ता को सारा विकास कार्य पूरा करने के बाद आगामी एक साल तक स्कीम का रखरखाव करना होगा. इस अवधि के बाद रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की जिम्मेदारी होगी.
बता दें कि राजस्थान के हर शहर में मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत फ्लैट के निर्माण किए जा रहे हैं. पूर्व में पहले ही लॉटरी सिस्टम से फ्लैट आवंटित कर दिए गए हैं. ऐसे में फ्लेट्स बनने के साथ ही जिनको आवास मिलने हैं उनसे किस्तों के रूप में राशि ली जा रही है. सरकार ने नियमों के प्रावधानों में बदलाव कर सभी किस्तधारी जरूरतमंद लोगों को राहत दी है.
बिल्डरों का भी है तर्क
सरकार का कहना है कि योजना का मकसद ज्यादा गरीबों को आवास मिले. लेकिन दर अधिक होने से आवासों को गरीब परिवार नहीं ले पा रहे थे. जबकि योजना गरीबों के लिए ही बनाई गई थी ताकि झोपड़पट्टी से निकालकर अच्छी फैसिलिटी का आशियाना उपलब्ध कराए जा सके. योजना के तहत बिल्डिंग बनाने वालों का कहना है कि सरकार ने बिल्डरों को विश्वास में लिए बिना नियम में बदलाव कर दिया. हम भी जानते हैं कि मकान जरूरतमंदों के लिए बने हैं.
ये हैं नई पाबंदियां
पुराने प्रावधान में 5000 वर्ग मीटर जमीन पर योजना सृजित की जा सकती थी, लेकिन अब इसमें भी बदलाव कर दिया. नए नियमों के तहत हर वर्ष 8 फीसद आवासों की दर में इजाफा हो सकेगा. 2 फीसद भूमि दैनिक दिनचर्या के काम आने वाली दुकानों को आरक्षित होंगी. ईडब्ल्यूएस के लिए एक दोपहिया और चारपाहिया पार्किंग होना आवश्यक होगी. एलआईजी कैटेगरी में एक दो पहिया और दो इकाइयों में एक चारपाहिया पार्किंग रखी जाना सुनिश्चित होगी.
जानें नियम और शर्त
आवेदक की आयु आवेदन तिथि को 18 वर्ष पूरी होनी चाहिए. किसी संस्था/ कंपनी के नाम से भरा गया आवेदन पत्र स्वीकार नहीं होगा. आवेदक को राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिये या कम से कम पिछले एक वर्ष से राजस्थान में निवास कर रहा हो. लॉटरी में राजस्थान राज्य के मूल निवासी को प्राथमिकता दी जायेगी. आवेदक को आय प्रमाण पत्र एवं शपथ पत्र (एफिडेविट) नोटरी से सत्यापित करवा कर देना होगा. वेतनभोगी आवेदकों को नियोक्ता की तरफ से प्रमाणित आय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा और गैर वेतनभोगी (स्व-रोजगार) आवेदकों को तहसीलदार/ मुनिसिपल ऑफिसर/ एसडीओ या राज्य सरकार का प्राधिकृत अधिकारी या स्व-सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा.
आवेदक को आवेदन पत्र के साथ निवास का प्रमाण जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाईसेंस, राशन कार्ड, बिजली, पानी, टेलीफोन बिल, बैंक पासबुक या अन्य कोई मान्य फोटोयुक्त दस्तावेजात में से स्व-हस्ताक्षरित/ सत्यापित दस्तावेज की प्रति संलग्न करनी होगी. आवेदन पत्र में आवेदक के दिये गये पते पर ही पत्र व्यवहार किया जाएगा. आवेदन पत्र में किसी विवरण को हटाने, मिटाने या काटकर दुबारा लिखना निषेधित है. आवेदनकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि आवेदन पत्र को भरते वक्त पूरी सावधानी बरतें. आवेदकों को समूह आवासों की मांग होने पर आवासों की उपलब्धानुसार समूह में आवंटन होगा. शारीरिक रूप से विकलांग एवं वरिष्ठ आवेदकों को भू-तल एवं प्रथम तल पर आवास आरक्षण में प्राथमिकता दी जाएगी.
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