(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan News: कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले मिलने के बाद राजस्थान सरकार अलर्ट, जारी की ये एडवाइजरी
Monkeypox: कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए चुके हैं. इसको लेकर राजस्थान सरकार भी अब अलर्ट हो गई है. सरकार ने इसको लेकर एक एडवाइजरी और दिशानिर्देश जारी किये हैं.
Rajasthan Government Advisory Regarding Monkeypox: ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका से मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक एडवाइजरी जारी की है और अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है. यदि राज्य मंकीपॉक्स के मामलों की रिपोर्ट करता है तो मरीजों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के अलावा वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कोविड रोगियों की तरह ही आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग ने दिए ये निर्देश?
राज्य भर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे लोगों पर नजर रखें जिनके पास अस्पष्टीकृत दाने (unexplained rash) हैं. विभाग उन लोगों पर भी नजर रखेगा जो हाल ही में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि करने वाले देश से लौटे हैं. जो लोग किसी व्यक्ति या संदिग्ध मंकीपॉक्स वाले लोगों के संपर्क में हैं उन पर भी स्वास्थ्य विभाग की नजर रहेगी.
क्या होता है मंकीपॉक्स?
दरअसल मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है. जो परिवार पॉक्सविरिडे में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस का एक सदस्य है. यह एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होती है.
क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी?
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "सभी संदिग्ध मामलों को नामित स्वास्थ्य सुविधाओं में तब तक अलग रखा जाएगा जब तक कि सभी घावों का समाधान नहीं हो जाता है और त्वचा की एक नई परत नहीं बन जाती है या जब तक इलाज करने वाले चिकित्सक आइसोलेशन को समाप्त करने का फैसला नहीं करते हैं." इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग संदेह के मामले में वेसिकल्स, रक्त, थूक से तरल पदार्थ के नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे को मंकीपॉक्स परीक्षण के लिए भेजेगा.
मंकीपॉक्स को लेकर ये है निर्देश?
स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को कार्रवाई शुरू करने और जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को आइसोलेशन के लिए नामित करने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 मई को मंकीपॉक्स को लेकर अंतरिम स्वास्थ्य परामर्श जारी किया था. अधिकारियों को सभी स्वास्थ्य कर्मियों के बीच उनके संवेदीकरण के लिए सलाह का प्रसार करने के लिए कहा गया है.
मंकीपॉक्स इससे भी फैलता है
सबसे पहले बंदरों में पहचाना जाता है. यह रोडेंट (Rodent) द्वारा भी फैलता है. मंकीपॉक्स बुखार, दाने, सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ चेचक से मिलती जुलती है. दिशानिर्देशों के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ एक स्व-सीमित बीमारी है. मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों के साथ-साथ इंसान से इंसान में भी फैल सकता है. वायरस टूटी हुई त्वचा (भले ही दिखाई न दे), श्वसन पथ, या श्लेष्मा झिल्ली (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है.
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