Rajasthan News: राजस्थान सरकार के वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश होने के बाद बुधवार को सभी विधायकों को बजट की कॉपी, लेदर बैग, आईफोन-13 गिफ्ट की सौगात दी गई. राजस्थान की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने गहलोत सरकार के गिफ्ट एप्पल आईफोन 13 को लौटाने का निर्णय लिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. पूनिया ने ट्वीट किया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत सभी विधायकों ने चर्चा करने के बाद निर्णय लिया है कि राज्य सरकार पर पड़ने वाले वित्तीय भार को देखते हुए कांग्रेस सरकार के द्वारा दिए गए आईफोन वापस करेंगे.
सीएम के सलाहकार ने क्या कहा
बीजेपी के विधायकों के आईफोन लौटाने के फैसले पर सीएम गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने बीजेपी पर ट्वीट कर निशाना साधा है. संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर कहा कि इसी विधानसभा के पहले सत्र में लैपटॉप और आईपैड दिए गए थे वो तो वापस नहीं किए. 30 लाख के फ्लैट का क्या ? काम से जुड़ी वस्तुएं देने की प्रथा सबसे पहले वसुंधरा के पहले कार्यकाल में कंप्यूटर से शुरू हुई थी.
बीजेपी नेताओं का क्या कहना है
बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन में अपने मौजूदा कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया था. इसके बाद विधानसभा से जाते समय सभी विधायकों को ब्रीफकेस की जगह एक बैग और आईफोन 13 तोहफे के रूप में दिया गया. माना जा रहा है कि महंगे तोहफे पर करीब एक करोड़ 58 लाख रुपए खर्च किया गया है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि कोरोना काल की वजह से राज्य की माली हालात ठीक नहीं है इसलिए आईफोन लौटाने का निर्णय लिया गया है. राज्य की जनता पर अनावश्यक भार नहीं पड़े इसलिए सभी की सहमति सेआईफोन लौटाने का निर्णय लिया गया.
कई ने कहा हमारे पास पहले से था
गहलोत सरकार का कहना है कि अबतक जो विधायक पूरी तरीके से पेपरलेस और अपडेटेड नहीं थे, वो अपडेटेड रहेंगे. वे सभी आईफोन 13 से स्मार्ट बनेंगे. विधायकों को ऐसे गिफ्ट पहली बार नहीं बांटे गए हैं. इससे पहले भी गहलोत सरकार उन्हें एप्पल आईपैड और लैपटॉप जैसे महंगे गैजेट्स गिफ्ट कर चुकी है. इस सरप्राइज गिफ्ट से कई विधायक प्रसन्न दिखे तो कई ने कहा कि हमारे पास तो पहले से ही था सरकार ने एक और दे दिया तो रख लेंगे. सीएम गहलोत ने अपने पिछले बजट में राज्य के सभी 200 विधायकों को आईपैड दिए थे. हालांकि, बीजेपी विधायकों द्वारा गिफ्ट लौटाने के ऐलान के बाद कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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