Bharatpur Animal Fair: राजस्थान के भरतपुर की जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेले पर लंपी स्किन वायरस का खतरा मंडराया है. इस वायरस को देखते हुए राजस्थान सरकार पशु मेले और पशु हाट पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है.पिछले दो साल भी कोरोना महामारी के चलते जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेले का आयोजन नहीं हुआ था.
राजस्थान सरकार ने लंपी वायरस के खतरे को देखते हुये राज्य में पशु मेले और पशु हाट पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है. इस लिए भरतपुर में भी लगने वाली जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले पर भी लंपी वायरस का खतरा मंडरा रहा है. हालाँकि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेला 30 सितम्बर से शुरू होकर 8 अक्टूबर तक लगना प्रस्तावित है.
राजस्थान के भरतपुर में ऐतिहासिक जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेला को 100 साल से ज्यादा हो गए हैं. इस प्रदर्शनी की शुरुआत महाराजा किशन सिंह द्वारा साल 1920 में की गई थी. फिर भरतपुर के महाराजा जसवंत सिंह की याद में प्रदर्शनी और पशु मेले का आयोजन हर साल दशहरा के अवसर पर किया जाता है जिसमें देश के कई राज्यों से व्यापारी आकर अपनी दुकानें लगाते हैं. इस मेले में पशु भी काफी खरीदे और बेचे जाते हैं. जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेले से पशुपालन विभाग को हर साल लाखों रुपये की आय होती है.
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जसवंत प्रदर्शनी और पशु मेले का भरतपुर के साथ-साथ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के लोगों को भी इंतजार रहता है. क्योंकि यहां के व्यापारी अपना कारोबार करने मेले में आते है. मेले में पशु पालन विभाग की तरफ से प्रदर्शनी लगाई जाती है और प्रदर्शनी के माध्यम से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक अच्छी चीजों की जानकारी दी जाती है. प्रदर्शनी में किसानो को पशुपालन खेती -बाड़ी और बीज तथा खेती के लिये उपयोग में आने वाले उपकरण की जानकरी दी जाती है.