Rajasthan Ramayan And Sundar kand Path on Ramnavmi and Hanuman Jayanti in Temples: करौली में हुई हिंसा के बाद राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस (Congress) अपनी छवि बचाने की कवायद में जुट गई है. यहां पार्टी सॉफ्ट हिंदुत्व (Soft hindutva) का कार्ड खेलती हुई नजर आ रही है. राजस्थान की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार राज्य में पहली बार पहली बार देवस्थान के अधीन प्रत्यक्ष प्रभार के मंदिरों में रामनवमी (Ramnavmi) पर रामायण पाठ और हनुमान जयंती पर सुंदरकांड पाठ करने जा रही है. रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर मंदिरों में अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाएंगे. इस संबंध में देवस्थान विभाग की तरफ से आदेश भी जारी किए हैं. देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत और सचिव विकास भाले सहित विभाग के अधिकारी इन आयोजनों में शामिल होंगे.


गहलोत सरकार पर हमलावर है बीजेपी 
कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. इससे पहले महाशिवरात्री के मौके पर मंदिरों में भागवत कथा का आयोजन किया गया था. जयपुर के एक मंदिर में हुई भागवत कथा में खुद रावत अधिकारियों के साथ शामिल हुईं थी. इस बीच राजस्थान में सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. बीजेपी गहलोत सरकार पर  जाति और धर्म के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही है.


सरकार ने लिया बड़ा फैसला 
गौरतलब है कि, हिंदू नववर्ष पर करौली हिंसा के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान में अब धार्मिक त्योहार, जयंती, शोभा यात्रा, प्रदर्शन, सार्वजनिक कार्यक्रम और जुलूस बिना अनुमति के नहीं निकाले जा सकेंगे. हिंदू नववर्ष पर पथराव के बाद आगजनी से सांप्रदायिक माहौल खराब हो गया था. घटना के बाद राज्य सरकार ने आयोजन पर दिशा निर्देश जारी किया है. गृह विभाग के जारी आदेशानुसार सार्वजनिक कार्यक्रम, शोभायात्रा, प्रदर्शन के संबंध में आयोजकों को एसडीएम, एडीएम, प्राधिकृत अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी.


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