Rajasthan RTH Bill Protest: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल (Right To Health Bill) के खिलाफ बुधवार को सभी सरकारी डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. लगभग 19 हजार से अधिक सरकारी डॉक्टर्स सामूहिक अवकाश पर हैं. इससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. हालांकि, आपातकालीन सेवा जरूरत के हिसाब से मिल पाएगी. इसके पहले ही पिछले कई दिनों से निजी डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. अब फिर सरकारी डाक्टर्स की हड़ताल (Government Doctor's Strike) के बाद राज्य में स्थिति गम्भीर हो चुकी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) लगातार डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन उस बात या अपील का कोई असर दिखता नहीं है. सरकारी डॉक्टर्स के सामूहिक अवकाश पर जाने की खबर ने सरकार और जनता को सकते में डाल दिया है. बड़ी बात है कि इसमें सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल में लगभग 4500 मेडिकल कॉलेज के छात्र और प्रोफेसर्स भी शामिल हैं. इससे पूरे प्रदेश में आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे लगभग प्रदेश के 14500 सरकारी डॉक्टर छुट्टी पर हैं. सभी सरकारी ओपीडी बन्द रहेगी. राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ की ओर से इस एलान कर दिया गया है.
कुछ ऐसा है प्लान
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने बताया कि आज सुबह सुबह 9 बजे से लेकर दिनभर छुट्टी पर हैं. उनका यह भी कहना है कि हम प्राइवेट डॉक्टर्स को समर्थन कर रहे हैं. सरकार के लिए ये बड़ी मुश्किल कर देने वाली घोषणा है. राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ डॉक्टर्स की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. जयपुर में बड़ी संख्या में डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज परेशान है. जयपुर के अस्पतालों में सप्ताह भर से मरीजों की संख्या कम होती जा रही है. मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चूंकि डॉक्टर्स हैं नहीं इसलिए ओपीडी खाली पड़ी हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही साथ पूरे प्रदेश में एक जैसी स्थिति बनी हुई है.
जड़ में है ये बात
राजस्थान में पहले से ही ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक आंदोलन पर है. सरकार इन्हें मानना तो चाह रही है लेकिन बात नहीं बन पा रही है. हड़ताल का असर है कि जयपुर के कई प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है. यह मांग और हड़ताल जारी है. सरकार के सभी प्रयास अभी विफल हो रहा है.