राजस्थान की भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, अब सरकारी कर्मचारी RSS के कार्यक्रमों में हो सकेंगे शामिल
RSS News: राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय से आरएसएस से जुड़े कार्यक्रमों में राजकीय कर्मचारियों के जाने पर लगे प्रतिबंध के आदेश को प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार ने वापस ले लिया है.
Rajasthan News: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के बाद अब राजस्थान की भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) सरकार ने आरएसएस (RSS) विचारधारा से जुड़े राज्य कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में अब कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं और कार्यक्रमों में जाने पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया गया है.
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय से आरएसएस से जुड़े कार्यक्रमों में राजकीय कर्मचारियों के जाने पर लगे प्रतिबंध के आदेश को प्रदेश की भजन लाल शर्मा सरकार ने वापस ले लिया है. दरअसल, कुछ दिन पहले विधानसभा बजट सत्र के दौरान कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था.
बीजेपी विधायक ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा
उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से आरएसएस के कार्यक्रम में कर्मचारियों के शामिल होने पर लगी रोक हटाए जाने के फैसले का विशेष उल्लेख करते हुए कहा था, "संघ ने देश की हर परिस्थितियों में जनहित के काम किए हैं. राहत कार्य के तहत कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जो कोई नहीं कर सकता है. इस संगठन का लक्ष्य भारत माता का गौरव बढ़ाना है, लेकिन 1966 में केंद्र सरकार ने संघ की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया."
उन्होंने आगे कहा, "हाल ही में केंद्र सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा लिया. हरियाणा, हिमाचल, छत्तीसगढ़ और एमपी में भी आरएसएस से प्रतिबंध हट गया है, लेकिन राजस्थान में आज भी यह आदेश लागू है." उन्होंने सरकार से मांग की थी कि प्रदेश में सरकार यह आदेश वापस ले, जिससे राष्ट्र सेवा को समर्पित लोग इस संगठन से भी जुड़ सकें.
43 साल पहले लगा था बैन
बीजेपी विधायकों की इस मांग को राज्य सरकार ने स्वीकार करते हुए प्रतिबंध के आदेश को राजस्थान में भी वापस ले लिया है. सरकार के इस आदेश के बाद अब आरएसएस विचारधारा से जुड़े राजकीय कर्मचारी संघ से जुड़े कार्यक्रमों और गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे. बता दें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित तीन संगठनों पर राज्य सरकार ने 43 साल पहले साल 1981 में प्रतिबंध लगाया था जो अब तक जारी रहा.