Jat Protest in Bharatpur: राजस्थान के भरतपुर जिले में जाट समाज केन्द्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर 17 जनवरी से महापड़ाव आंदोलन कर रहा है. यह महापड़ाव भरतपुर-धौलपुर जाट समाज के द्वारा गांव जयचोली में किया जा रहा है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने बताया कि "सोमवार (22 जनवरी) को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुये गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया जा रहा है." उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यानी 22 जनवरी के बाद उग्र आंदोलन होगा."


लोकसभा चुनाव से पहले भरतपुर धौलपुर के जाट समाज द्वारा चक्का जाम की चेतावनी को देखते हुए सरकार सकारात्मक नजर आ रही है. रविवार (21 जनवरी) को कुम्हेर-डीग से बीजेपी विधायक शैलेश सिंह महापड़ाव स्थल पर सरकार का वार्ता का संदेश लेकर पहुंचे. इस दौरान बीजेपी विधायक डॉक्टर शैलेश सिंह ने कहा कि भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाटों को राज्य में ओबीसी आरक्षण देने का काम बीजेपी सरकार में हुआ था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के ही रहने वाले हैं और उन्होंने भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण के लिए चार सदस्यों के कमेटी का गठन किया है. 


यहां होगी जाट आरक्षण के लिए वार्ता
मुख्यमंत्री ने जाट समाज के दो विधायक नदबई विधायक जगत सिंह, डीग-कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेष सिंह के साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत और कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल सहित चार सदस्यीय कमेटी का गठन  किया है.  विधायक शैलेश सिंह नेकहा कि राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण देने के पक्ष में है, दोनों जिलों के जाटों का अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा पहले से ही सर्वे कर लिया गया है. आंदोलनकारियों के कमेटी का भी गठन हो जाए. इसके बाद पहले जयपुर में और उसके बाद दिल्ली में आरक्षण के मसले पर सरकार के साथ वार्ता होगी.


'आंदोलनकारी भी कर लें कमेटी का गठन'
कुम्हेर-डीग से बीजेपी विधायक डॉ शैलेश सिंह महापड़ाव पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा, "भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाटों को राज्य की ओबीसी में आरक्षण देने का काम बीजेपी सरकार में हुआ था. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के ही रहने वाले हैं और उन्होंने भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण के लिए चार सदस्यों के कमेटी का गठन किया है. राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों को आरक्षण देने के पक्ष में है. दोनों जिलों के जाटों का अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा पहले से ही सर्वे कर लिया गया है." उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के कमेटी का भी गठन हो जाए, इसके बाद पहले जयपुर में और उसके बाद दिल्ली में आरक्षण के मसले पर सरकार के साथ चर्चा होगी. 


आंदोलन पर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने क्या कहा?
गौरतलब है की 2013 में केंद्र में मनमोहन सरकार ने भरतपुर धौलपुर जिलों के साथ 9 राज्यों के जाटों को आरक्षण दिया था, लेकिन जब 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 10 अगस्त 2015 को भरतपुर धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया था. लंबी लड़ाई के बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिया गया, लेकिन केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग तभी से जारी है.


जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने कहा, "सितंबर 2021 को जब जाटों ने चक्का जाम का ऐलान किया था, तब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था." उन्होंने कहा कि उसके बाद हम लोग दिल्ली ओबीसी कमीशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्री से भी मुलाकात की थी, लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है.


चुनाव से पहले सरकार नहीं ले रही रिस्क
इस साल अप्रैल-मई तक लोकसभा चुनाव संभावित हैं. इसलिए सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है, क्योंकि भरतपुर जिला जाट बाहुल्य जिला है. ऐसे में अगर जाट बीजेपी से नाराज होते हैं, तो लोकसभा चुनाव में पार्टी को सीधा नुकसान उठाना पड़ सकता है. राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से लगभग 16 लोकसभा सीटों पर जाट मतदाताओं का असर रहता है. 


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